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सभापति नाराज, जन प्रतिनिधियों से नहीं मांगे गए प्रस्ताव:विधान परिषद नियम पुनरीक्षण समिति की बैठक में दिए निर्देश

मिर्जापुर में उत्तर प्रदेश विधान परिषद की नियम पुनरीक्षण समिति की उच्चस्तरीय बैठक जिला पंचायत सभागार में हुई। समिति के सभापति हरिओम पांडेय ने इसकी अध्यक्षता की। बैठक में मिर्जापुर, सोनभद्र और भदोही जिलों में पिछले तीन वर्षों के दौरान विधान परिषद में उठाए गए तारांकित, अतारांकित और अल्पसूचित प्रश्नों के जवाबों की विभागवार समीक्षा की गई। सभापति हरिओम पांडेय ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि कई विकास कार्यों पर जन प्रतिनिधियों से प्रस्ताव नहीं मांगे गए। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जनपद के सांसद, विधायक और विधान परिषद सदस्यों से प्रस्ताव लेकर प्राथमिकता के आधार पर कार्य कराएं। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारी जनप्रतिनिधियों के फोन अवश्य रिसीव करें या बाद में कॉल बैक करें। बैठक में समिति सदस्य आशुतोष सिन्हा और धर्मेंद्र सिंह सहित तीनों जिलों के जिलाधिकारी, पुलिस अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी और विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार ने बताया कि मिर्जापुर जिले से कुल 22 प्रश्न परिषद को भेजे गए थे, जिनका उत्तर समय से भेजा जा चुका है। भदोही से 10 तथा सोनभद्र से प्राप्त सभी प्रश्नों के उत्तर भी समय पर भेजे गए हैं। सभापति ने अनुपस्थित अधिकारियों से तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगने और असंतोषजनक जवाब पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। बैठक में सड़क निर्माण, सिंचाई, स्वास्थ्य, शिक्षा, आबकारी, वन, उद्योग, विद्युत समेत सभी विभागों की प्रगति की समीक्षा की गई। कच्ची शराब पर नियंत्रण को गंभीरता से लेते हुए सभापति ने अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। बताया गया कि मिर्जापुर में 13,860 लीटर कच्ची शराब पकड़ी गई है। आबकारी विभाग ने 300 करोड़ के लक्ष्य के विरुद्ध अक्टूबर तक 311 करोड़ की वसूली की है। स्वास्थ्य विभाग को सभी पीएचसी/सीएचसी पर डॉक्टर और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा निजी अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड तकनीशियन व फार्मासिस्ट की अनिवार्य तैनाती के निर्देश दिए गए। समिति ने जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार को राष्ट्रपति पुरस्कार मिलने पर बधाई दी। उन्होंने बताया कि जिले के एफपीओ बेहतर कार्य कर रहे हैं और वर्मी कम्पोस्ट का निर्यात भी किया जा रहा है। किसानों को ड्रैगन फ्रूट, स्ट्रॉबेरी और केले की खेती से बड़ा लाभ मिला है।


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