इटावा में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान में अनियमितताओं को लेकर सोमवार को समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने जिला निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात की और शिकायत दर्ज कराई। प्रतिनिधिमंडल में इटावा के सांसद जितेंद्र दोहरे, जिलाध्यक्ष प्रदीप शाक्य बबलू, जिला महासचिव वीरू भदौरिया समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। सपा नेताओं ने आरोप लगाया कि बीएलओ (BLO) द्वारा मतदाता गणना प्रपत्रों का वितरण बेहद धीमी गति से किया जा रहा है, जबकि अंतिम तिथि नज़दीक है। उनका कहना था कि कई क्षेत्रों में अभी तक आधे से कम प्रपत्र ही लोगों तक पहुंचे हैं, जबकि रिकॉर्ड में लगभग पूर्ण वितरण दर्शाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कुछ क्षेत्रों में दो के स्थान पर केवल एक ही प्रपत्र दिया जा रहा है और जमा करते समय हस्ताक्षर भी नहीं लिए जा रहे हैं। नेताओं का कहना था कि बीएलओ गणना प्रपत्र भरने में सहायता नहीं कर रहे हैं और कंप्यूटर पर ऑनलाइन फीडिंग में अधूरा डाटा दर्ज कर रहे हैं। आरोप यह भी लगाया गया कि वर्ष 2003 के मतदाताओं का रिकॉर्ड फीड ही नहीं किया जा रहा है, जिससे आगामी मतदाता सूची में हजारों लोग अपना नाम दर्ज कराने से वंचित हो सकते हैं। पार्टी नेताओं ने कहा कि एसआईआर अभियान लोकतांत्रिक अधिकारों से जुड़ा है, और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने मांग की कि शीघ्र प्रभाव से प्रपत्रों का सही वितरण कराया जाए, और कंप्यूटर फीडिंग में केवल पूर्ण और सत्यापित जानकारी ही दर्ज की जाए, ताकि मतदाता सूची का त्रुटिरहित प्रकाशन हो सके। इसी दौरान इटावा के सांसद जितेंद्र दोहरे ने अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रामलला मंदिर में धर्म ध्वज फहराने की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उन्होंने पहली बार सुना है कि देश का प्रधानमंत्री धार्मिक परंपरा के तहत मंदिर में ध्वज फहराएगा। उन्होंने कहा कि पारंपरिक रूप से मंदिरों में ध्वज फहराने का कार्य साधु-संतों और शंकराचार्यों द्वारा किया जाता है, न कि किसी राजनीतिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा। सांसद दोहरे ने इसे धार्मिक अनुष्ठान कम और चुनावी प्रचार अधिक बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ध्वज नहीं फहरा रहे, बल्कि भारतीय जनता पार्टी का प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जिस धर्म ध्वज की बात हो रही है वह सनातन परंपरा की नहीं, बल्कि आरएसएस और बीजेपी की है। उन्होंने आगे कहा कि मंदिर आस्था का केंद्र हैं और वहां सभी का समान अधिकार है। लेकिन धार्मिक स्थलों को राजनीतिक उद्देश्य से जोड़ने की परंपरा देश और संविधान दोनों के खिलाफ है। जिला निर्वाचन अधिकारी को दिए गए ज्ञापन में पार्टी ने प्रशासन से तुरंत कार्रवाई करते हुए SIR अभियान को पारदर्शी, निष्पक्ष और समय पर पूर्ण कराने की मांग की।
https://ift.tt/2Zi8FeJ
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply