लखनऊ के एफ-ब्लॉक राजाजीपुरम स्थित श्री शिव दुर्गा गायत्री मंदिर में सनातन महापरिषद भारत ने गीता जयंती उत्सव का आयोजन किया। इस अवसर पर संस्था की स्मारिका का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता, पदाधिकारी और बच्चों ने सक्रिय सहभागिता की। उत्सव का शुभारंभ श्रीमद्भगवद्गीता के सामूहिक पाठ से हुआ। प्रवचनों के दौरान वक्ताओं ने गीता के उपदेशों को जीवन की जटिलताओं के समाधान, मानसिक संतुलन, कर्तव्य पालन और आध्यात्मिक उन्नति के लिए उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवन दर्शन है, जो सत्य, धर्म और नैतिकता का मार्ग दिखाती है। कार्यक्रम में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता मुख्य आकर्षण रहा बच्चों के लिए आयोजित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रही। बाल प्रतिभागियों ने गीता के अध्यायों, श्लोकों और उनके महत्व पर पूछे गए प्रश्नों के सही उत्तर देकर सभी को प्रभावित किया। विजेताओं को मंच से सम्मानित किया गया। आयोजन में आध्यात्मिक और धार्मिक वातावरण बना रहा। समापन सत्र में सभी भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। प्रतिभागियों को प्रेरणादायक स्वरूप में श्रीमद्भगवद्गीता की प्रतियाँ भेंट की गईं। गीता के उपदेश सदियों से मानवता को प्रकाश दे रहे.. राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष सी.एम पाण्डेय ने अपने संबोधन में कहा कि गीता के उपदेश सदियों से मानवता को प्रकाश दे रहे हैं और आज भी जीवन मार्गदर्शन के रूप में प्रासंगिक हैं। प्रभाकर सिंह ने गीता को कर्तव्य, समर्पण और नैतिक आचरण का वास्तविक संदेश बताया और युवाओं से इसे जीवन में आत्मसात करने का आह्वान किया। ये लोग शामिल हुए इस अवसर पर सनातन महापरिषद् भारत के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष सी.एम. पाण्डेय, उत्तर प्रदेश अध्यक्ष ए.के. सक्सेना, उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष प्रभाकर सिंह, उत्तर प्रदेश संगठन मंत्री पूजा अग्रवाल, लखनऊ मंडल अध्यक्ष परेश गौड़, प्रयागराज मंडल अध्यक्ष प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव, अवध प्रांत अध्यक्ष कपिल त्रिपाठी और बृज प्रांत अध्यक्ष राकेश गुप्ता प्रमुख रूप से उपस्थित थे। बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और उनके परिवारजन भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
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