लखनऊ की वजीरगंज पुलिस ने सऊदी अरब की करेंसी के नाम पर ठगी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी बंग्लादेश से पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत में घुसकर अलग-अलग राज्यों में लोगों से ठगी करते थे। पिछले आठ साल से दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में कई घटनाएं कर चुके हैं। पुलिस अन्य राज्यों से जानकारी जुटा रही है। निशातगंज सब्जी मंडी स्थित पांचवीं गली निवासी गुल्लू सोनकर पुल के नीचे कॉस्मेटिक की दुकान चलाते हैं। गुल्लू ने बताया कि 14 नवंबर को एक युवक दुकान पर आया और सामान खरीदने के बाद बातचीत में बताया कि वह कूड़ा बीनने का काम करता है और कूड़े में उसे सऊदी अरब की करेंसी मिली है। युवक ने 50-50 रियाल के दो नोट दिखाते हुए भारतीय करेंसी के बदले इसे बेचने की बात कही। करेंसी एक्सचेंज शॉप पर दिखाया गुल्लू ने नोटों की जांच के लिए अमीनाबाद के करेंसी एक्सचेंज शॉप पर दिखाया। दुकानदार ने नोटों को बदलकर 2200 रुपए दिए। असली नोट मिलने पर गुल्लू ने युवक से फोन करके बातचीत की। अगले दिन युवक ने बताया कि उसके पास 300 और नोट हैं और सौदा तय करने के लिए एसएसपी ऑफिस के पीछे मिलने को कहा। गुल्लू तय समय पर 2 लाख रुपए लेकर मौके पर पहुंचा। वहां युवक अपने साथी के साथ मिला और कपड़े में बंधा नोटों का बंडल गुल्लू को थमा दिया। जैसे ही गुल्लू बंडल खोलना लगा। दोनों युवक उनका पैसों से भरा बैग लेकर फरार हो गए। पीड़ित ने पीछा करने की कोशिश की लेकिन दोनों आरोपी फरार हो गए। गुल्लू ने कपड़े में बंधा बंडल खोला तो उसमें अखबार के रोल मिले। पीड़ित ने दोनों मोबाइल नंबरों पर संपर्क किया मगर नंबर बंद मिले। इसके बाद पीड़ित ने वजीरगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई। पश्चिम बंगाल रास्ते भारत में घुसे आरोपी आरोपियों की पहचान गोपालगंज बंग्लादेश निवासी हसन शेख (29) और उमर शेख (26) के रूप में हुई। दोनों इस वक्त दिल्ली की जेजे कॉलोनी में रह रहे थे। ठगी करने के लिए लखनऊ आए थे। हसन शेख पूछताछ में बताया कि पिछले 8 सालों से भारत की सीमा मे पश्चिम बंगाल के रास्ते से प्रवेश कर दिल्ली, मुम्बई, लखनऊ में अलग अलग स्थानों में रहकर लोगों के साथ धोखाधड़ी का कार्य करता था। आरोपियों ने पूछताछ बताया कि विदेशी करेंसी (सऊदी अरब) के लालच में लोगों को फंसाकर बुलाते थे। उनसे भारतीय रूपए लेकर उनको एक कपड़े में अखबार को रोलकर बंडल बना कर ऊपर से विदेशी करेंसी 7-9 नोटों को रख देते थे। भारतीय रुपए मिलने के बाद अखबार का बंडल थमाकर फरार हो जाते। मामले में राजेश त्रिपाठी का कहना है कि पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ अन्य राज्यों से आपराधिक इतिहास की जानकारी जुटाई जा रही है।
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