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संसदीय समिति ने अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए:कारागार अधीक्षक रहे अनुपस्थित, स्पष्टीकरण मांगा

उत्तर प्रदेश विधान परिषद की संसदीय अध्ययन समिति के सभापति किरण पाल कश्यप ने मंगलवार को सुल्तानपुर, अमेठी और बाराबंकी के अनुपस्थित अधिकारियों तथा खराब गुणवत्ता वाली बुकलेट तैयार करने वाले अधिकारियों के खिलाफ स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। यह निर्देश वर्तमान सरकार के गठन वर्ष 2022 से अब तक जनप्रतिनिधियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों/प्रस्तावों पर की गई कार्यवाही की समीक्षा बैठक के दौरान दिए गए। यह बैठक सुल्तानपुर में आयोजित की गई, जिसमें एमएलसी शैलेन्द्र प्रताप सिंह, जिलाधिकारी कुमार हर्ष, एसपी कुंवर अनुपम सिंह, सीडीओ अंकुर कौशिक (सुल्तानपुर), सीडीओ सचिन सिंह (अमेठी) और मुख्य विकास अधिकारी अन्ना सुदन (बाराबंकी) सहित विभिन्न विभागों के संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। बैठक का मुख्य उद्देश्य जनप्रतिनिधियों के प्रश्नों पर हुई कार्रवाई पर विचार-विमर्श करना था। बैठक की शुरुआत में जिलाधिकारी, एसपी और सीडीओ ने सभापति का पुष्पगुच्छ और ओडीओपी मोमेंटो देकर स्वागत किया। सभापति ने उपस्थित सभी अधिकारियों को विधान परिषद की संसदीय अध्ययन समिति के उद्देश्यों और सदन के प्रोटोकॉल के बारे में अवगत कराया। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा और विधान परिषद में कुल 16-16 समितियां हैं, जिनके प्रश्नों का जवाब संबंधित विभाग द्वारा देना होता है। सभापति ने उच्च शिक्षा विभाग से प्राचार्य राणा प्रताप पीजी कॉलेज डी.के. त्रिपाठी, प्राचार्य आईटीआई और कारागार अधीक्षक जैसे अनुपस्थित अधिकारियों के विरुद्ध स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। अमेठी की बैठक के दौरान प्रस्तुत की गई बुकलेट की गुणवत्ता पर सभापति ने नाराजगी व्यक्त की और सीडीओ अमेठी को इसमें सुधार लाने के निर्देश दिए। उन्होंने मंडी सचिव अमेठी, दुग्ध विकास, कारागार अधीक्षक, एआरटीओ और वीआईवी बाबू जैसे अनुपस्थित अधिकारियों के विरुद्ध भी स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त, डीआईओएस अमेठी को विधान परिषद सदस्य शैलेन्द्र प्रताप सिंह को सूचना उपलब्ध न कराने के संबंध में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने को कहा गया। इसी प्रकार, बाराबंकी के बीएसए, डीआईओएस और मंडी सचिव के सदन में अनुपस्थित रहने पर स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश दिए गए। बुकलेट की गुणवत्ता सही न होने, पेजिंग न होने और हस्ताक्षर न होने के संबंध में बुकलेट तैयार करने वाले अधिकारी के विरुद्ध भी स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश दिए गए।


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