प्रतापगढ़। जल शक्ति मंत्रालय, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग के संयुक्त सचिव/नोडल अधिकारी प्रदीप कुमार अग्रवाल (आईएएस) ने हाल ही में प्रतापगढ़ में प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (पीएमडीडीकेवाई) की समीक्षा की। उन्होंने विकास भवन सभागार में एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। इस दौरान संयुक्त सचिव ने किसानों से सीधे बातचीत की और डीडी फ्रूट प्रोडक्ट्स में बन रहे आंवले के विभिन्न उत्पादों की जानकारी ली। बैठक में संयुक्त सचिव ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का डिस्ट्रिक्ट एक्शन प्लान तैयार करने पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने जोर दिया कि यह योजना ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है। अधिकारियों को प्राकृतिक एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने तथा किसानों को भूमि की गुणवत्ता के अनुसार फसल चयन के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए गए। समीक्षा के दौरान, संयुक्त सचिव ने सण्ड़वा चन्द्रिका ब्लॉक के अधारपुर ग्राम में आंवला बाग, आलू और चने की खेती का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने किसानों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याओं को जाना और संबंधित अधिकारियों को उनके निराकरण के लिए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त, संयुक्त सचिव ने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत लोहंगपुर में मेसर्स डीडी फ्रूट प्रोडक्ट्स (आंवला प्रोडक्ट) का भी निरीक्षण किया। उन्होंने प्रोपराइटर पवन अग्रवाल, जनपदीय रिसोर्स पर्सन एहतेशाम अहमद और जिला उद्यान अधिकारी सुनील कुमार शर्मा से आंवला उत्पादों से संबंधित सुविधाओं और किसानों को मिल रहे लाभों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने गौरा में एफपीओ ग्रो फार्मर प्रोड्यूसर संगठन द्वारा संचालित मत्स्य पालन तालाब का भी दौरा किया। लाभार्थी ने बताया कि उन्हें सालाना 4 से 5 लाख रुपये की आय होती है। संयुक्त सचिव ने एफपीओ द्वारा चलाए जा रहे मुर्गी फार्म का भी निरीक्षण किया, जहां 5500 पक्षी पाए गए। बताया गया कि ये पक्षी 45 दिनों में बिक्री के लिए तैयार हो जाते हैं, जिससे प्रति वर्ष लगभग 4 से 6 लाख रुपये की आय होती है।
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