संभल हिंसा की बरसी पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। 8 थानों की पुलिस, 4 सीओ, एक कंपनी आर.आर.एफ. (RRF) और पी.ए.सी. (PAC) के 200 से अधिक जवान तैनात किए गए हैं। विवादित धार्मिक स्थल सहित पूरे शहर में ड्रोन कैमरों से छतों की निगरानी की जा रही है। सोमवार को संभल कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला कोट पूर्वी स्थित विवादित धार्मिक स्थल (शाही जामा मस्जिद बनाम श्रीहरिहर मंदिर) के चारों ओर मजिस्ट्रेट और पुलिस बल तैनात किया गया है। इंस्पेक्टर गजेंद्र सिंह और अनुज तोमर ने बल के साथ पूरे मस्जिद इलाके में पैदल गश्त की। अधिकारियों को अलग-अलग क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपी गई
विभिन्न क्षेत्रों की जिम्मेदारी अधिकारियों को सौंपी गई है। इनमें एसडीएम रामानुज को विवादित धर्म स्थल का संपूर्ण परिसर, पूर्ति निरीक्षक ललित कुमार को मोहल्ला कोर्ट गर्वी, लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता प्रेमचंद पाल को विवादित धर्म स्थल डाकखाना, नायब तहसीलदार दीपक जुरैल को सानीवाला फाटक, सहायक विकास अधिकारी पंचायत अनिल कुमार त्यागी को हिंदूपुरा खेड़ा और सहायक विकास अधिकारी (सहकारिता) रोहतास कुमार सिंह को अंजुमन चौराहा की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अतिरिक्त, थाना हजरतनगर गढ़ी के इंस्पेक्टर अनुज तोमर को भी तैनात किया गया है। पूरे इलाके को 16 सेक्टरों में बांटा गया संभल में 24 नवंबर 2024 की घटना की पहली बरसी पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। विवादित धार्मिक स्थल, हिंसा प्रभावित हिंदूपुरा खेड़ा और अंजुमन तिराहा सहित पूरे संभल इलाके को 16 सेक्टर में बांटा गया है। हिंसा के बाद सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए सत्यव्रत पुलिस चौकी सहित कई स्थानों पर नई पुलिस चौकियां और चेक पोस्ट बनाए गए हैं। सत्यव्रत पुलिस चौकी पर स्थापित सीसीटीवी कंट्रोल रूम से पूरे संभल शहर की लगातार निगरानी की जा रही है। भीड़ ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग की थी
19 नवंबर 2024 को हिंदू पक्ष की ओर से सिविल सीनियर डिवीजन चंदौसी कोर्ट में दावा किया गया कि संभल की शाही जामा मस्जिद श्रीहरिहर मंदिर है। 19 नवंबर की शाम को मस्जिद का पहले चरण का सर्वे हुआ और दूसरे चरण का सर्वे 24 नवंबर को हुआ। मस्जिद में चल रहे सर्वे के दौरान हजारों की संख्या में इकट्ठा हुए लोगों ने पुलिस पर पथराव-फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें चार मौतें हो गई, वहीं उग्र भीड़ ने गाड़ियों को फूंक दिया। तीन हत्यारोपी, तीन महिलाओं एवं इंतजामिया मस्जिद सदर जफर अली एडवोकेट सहित कुल 105 अभियुक्तों को जेल भेजा है, 38 अभियुक्तों की जमानत हो चुकी है। जफर अली को जेल भेजा गया था, सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क एवं सपा विधायक पुत्र सुहैल इक़बाल नामजद है। बीते 23 मार्च को जफर अली से SIT ने 4 घंटे की पूछताछ की और पुलिस ने गिरफ्तारी करने के बाद कोर्ट में पेश किया जहां से जेल भेज दिया गया। 24 जुलाई को हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति समीर जैन ने जमानत मंजूर कर ली और 31 अगस्त को एमपी-एमएलए कोर्ट ने विवेचना के दौरान बढ़ाई गई दो धाराओं में जमानत दी। 131 दिन के बाद बीते 01 अगस्त 2025 को मुरादाबाद की जेल से उनकी रिहाई हो गई। सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल सहित 40 लोगों के खिलाफ नामजद कई एफआईआर दर्ज की गई, जबकि 2750 अज्ञात के खिलाफ FIR दर्ज़ हुई, 18 जून को SIT ने लगभग 1128 पन्नों में सांसद बर्क सहित 23 लोगों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की, हालांकि सपा विधायक पुत्र सुहैल इकबाल का नाम चार्जशीट में नहीं है। जफर अली और सांसद बर्क के विरुद्ध निचली अदालत में चल रही कार्रवाई पर अगली सुनवाई तक इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगाई है।
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