संभल में 1 से 7 दिसंबर तक सात दिवसीय श्री कल्कि कथा का आयोजन किया जा रहा है। जगद्गुरु रामभद्राचार्य इस कथा का गुणगान करेंगे। इस आयोजन में केंद्र सरकार से सुरक्षा प्राप्त वीआईपी मेहमानों के साथ-साथ प्रतिदिन 10 से 15 हजार श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। सोमवार को महायज्ञ में आहुति के साथ कथा का शुभारंभ होगा। उद्घाटन के समय महोत्सव स्थल पर हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा की जाएगी। पहले दिन यानी आज जूना पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज, विश्व जागृति मंच के अध्यक्ष सुधांशु महाराज और अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवींद्र पुरी महाराज भी शामिल होंगे। गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान कैबिनेट मंत्री दिगंबर कामत भी आएंगे। कथा में सुधांशु जी महाराज, स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज, स्वामी कैलाशानंद गिरि जी महाराज, गीता मनीषी ज्ञानानंद जी महाराज, रविन्द्र पुरी जी महाराज, पद्म विभूषित सद्गुरु ब्रह्ममेशानंद जी महाराज, स्वामी बालकानंद जी महाराज, बाबा बलरामदास हठयोगी जी महाराज, स्वामी यतींद्रानंद जी महाराज, ऋषिश्वरानंद जी महाराज, श्रीमहंत नारायण गिरि जी महाराज शामिल होंगे। देशभर से पहुंच रहे श्रद्धालु राजस्थान, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों से हजारों साधु-संत कथा श्रवण के लिए संभल पहुंच रहे हैं। अधिकांश संत पूरे सात दिन प्रवास करेंगे। प्रेसिडेंट, पीएम, सीएम समेत गृहमंत्री और रक्षामंत्री को भी आमंत्रण यूपी, उत्तराखंड और दिल्ली के मंत्रियों व राज्यपालों सहित भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और रक्षामंत्री को भी आमंत्रण भेजा गया है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुगम आवागमन और पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने निरीक्षण किया और थानाध्यक्ष व सीओ असमोली कुलदीप कुमार को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। श्रीकल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बताया कि जैसे श्रीराम कथा, श्रीकृष्ण कथा और श्रीमद्भागवत कथा सदियों से सुनाई जाती रही हैं, उसी परंपरा में पहली बार भगवान कल्कि की कथा का वाचन होगा। पुराणों में वर्णन है कि भगवान का अंतिम अवतार कल्कि के रूप में संभल की पावन धरती पर होगा। पीएम मोदी ने 19 फरवरी को कल्कि धाम मंदिर का शिलान्यास किया था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 फरवरी को संभल में कल्कि धाम मंदिर का शिलान्यास किया था। कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ और कल्किधाम ट्रस्ट के अध्यक्ष भी मौजूद थे। कल्कि को भगवान विष्णु का अंतिम अवतार माना जाता है, जो कलियुग के अंत में यानी 4 लाख 26 हजार साल बाद आएंगे।
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