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संभल में सर्पदंश से हर साल 50 हजार मौत:छात्रों को बचाव और इलाज की जानकारी दी गई

संभल के थाना हयातनगर क्षेत्र के मऊ भुड़ स्थित एक इंटर कॉलेज में सोमवार को “सर्पदंश मृत्यु-मुक्त भारत” अभियान के तहत विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों और ग्रामीणों को सर्पदंश से बचाव, सही उपचार और अंधविश्वास से दूर रहने के लिए प्रेरित करना था। इस अभियान का संचालन ऑल इंडिया वाइल्डलाइफ रेस्क्यू टीम के सदस्य जाबुल स्नेक सेवर ने किया। जाबुल स्नेक सेवर ने बताया कि देश में हर साल 50,000 से अधिक लोग झाड़-फूंक और तांत्रिक उपचार के अंधविश्वास में फंसकर अपनी जान गंवा देते हैं। उन्होंने कहा कि सर्पदंश के मामलों में देरी होना मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है, क्योंकि लोग पहले झाड़-फूंक करने वालों के पास जाते हैं, जिससे मरीज की हालत गंभीर हो जाती है। उन्होंने छात्रों से अपील की कि सांप काटने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल जाएं और केवल वैज्ञानिक उपचार पर भरोसा करें। कार्यक्रम में छात्रों को देश में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के सांपों की जानकारी दी गई। बताया गया कि भारत में 300 से अधिक प्रजातियां हैं, जिनमें से केवल कुछ ही अत्यधिक विषैली होती हैं। विषैले और विषहीन सांपों की पहचान, उनसे सुरक्षित दूरी बनाए रखने और आपात स्थिति में उठाए जाने वाले कदमों पर विस्तृत चर्चा की गई। जाबुल स्नेक सेवर ने यह भी सलाह दी कि यदि किसी के घर, खेत या आसपास कोई विषैला सांप, कीड़ा या अन्य जंगली जीव दिखाई दे, तो उसे मारने के बजाय रेस्क्यू टीम को सूचना दें। टीम ऐसे जानवरों को सुरक्षित रूप से पकड़कर जंगल में छोड़ती है। उन्होंने जोर देकर कहा, “किसी भी बेजुबान जीव को मारना नहीं चाहिए, बल्कि उसे सुरक्षित स्थान तक पहुंचाना हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है।” यह कार्यक्रम DM और SP की अनुमति से आयोजित किया गया था। छात्रों ने कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लिया और सर्पदंश से संबंधित मिथकों को दूर करने की दिशा में अपनी जागरूकता दिखाई।


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