संभल में सोमवार को सात दिवसीय श्रीकल्कि कथा का शुभारंभ होगा। इसका आगाज महायज्ञ में ‘जय कल्कि जय जगतपते पदमाप्ति जय रमापते’ महामंत्र के जप और आहुति के साथ किया जाएगा। कथा के शुभारंभ के समय महोत्सव स्थल पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा भी की जाएगी। यह कथा संभल के थाना ऐंचौड़ा कम्बोह स्थित श्रीकल्कि धाम में होगी, जहां जगद्गुरु रामभद्राचार्य श्रीकल्कि कथा का वाचन करेंगे। महोत्सव में जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज, विश्व जागृति मंच के अध्यक्ष सुधांशु महाराज और अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवींद्र पुरी जी महाराज जैसे प्रमुख संत शामिल होंगे। गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान कैबिनेट मंत्री दिगंबर कामत की उपस्थिति की भी पुष्टि हुई है। कथा श्रवण के लिए राजस्थान, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र सहित विभिन्न राज्यों से हजारों साधु-संत संभल पहुंच रहे हैं। इनमें से अधिकांश संत पूरे सात दिनों तक महोत्सव में प्रवास करेंगे। इस आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली के मंत्रियों व राज्यपालों को भी आमंत्रित किया गया है। इसके अतिरिक्त, भारत के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और रक्षामंत्री को भी आमंत्रण भेजा गया है। श्रीकल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने इस कथा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार श्रीराम कथा, श्रीकृष्ण कथा और श्रीमद्भागवत कथा सदियों से सुनाई जाती रही हैं, उसी परंपरा में यह पहली बार है जब भगवान कल्कि की कथा का वाचन किया जा रहा है। आचार्य कृष्णम के अनुसार, पुराणों में यह वर्णित है कि भगवान का अंतिम अवतार कल्कि के रूप में संभल की पवित्र धरती पर होगा। इसी कारण इस पावन भूमि पर श्रीकल्कि कथा का शुभारंभ किया जा रहा है।
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