संभल में साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के अभियान के तहत लाखों रुपये की साइबर ठगी का खुलासा हुआ है। एक बैंक खाते के सत्यापन से यह मामला सामने आया, जिसमें विभिन्न राज्यों के व्यक्तियों से धोखाधड़ी कर लाखों की रकम हड़पने का आरोप है। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। जनपदीय साइबर सेल को बैंक ऑफ महाराष्ट्र का एक खाता संख्या सत्यापन के लिए प्राप्त हुआ था। जांच में पता चला कि यह खाता ओबरी निवासी कोशिद के नाम पर है। खाते के स्टेटमेंट के अनुसार,इसमें 30 लाख 36 हजार 789 रुपये जमा हुए और लगभग 30 लाख 36 हजार 622 रुपये निकाले गए। इस खाता संख्या के खिलाफ केरल, गुजरात और कर्नाटक सहित कई राज्यों के व्यक्तियों द्वारा साइबर ठगी के आरोप में कुल 11 मामले दर्ज मिले हैं। कोशिद से पूछताछ में उसने बताया कि लहरा कमंगर निवासी सालिम उसका परिचित था। सालिम ने ही उसे बैंक ऑफ महाराष्ट्र ले जाकर खाता खुलवाया था और पासबुक व चेक अपने पास रख लिए थे। पुलिस ने कोशिद और सालिम दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। मामले की जांच जारी है और अन्य आरोपियों की धरपकड़ के लिए एएसपी दक्षिणी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। जनपदीय साइबर सेल संभल से सत्यापन के लिए मिले खाता संख्या 780520110001015 की जांच हुई तो 2334 ट्रांजेक्शन अवैध मिले। इस पर शक गहराया और पुलिस ने गहनता से जांच की। सीओ असमोली कुलदीप कुमार ने बताया कि उपनिरीक्षक प्रमोद कुमार की तहरीर के आधार पर कोशिद निवासी ओबरी, सालिम निवासी लहरा कमंगर, नजर आलम निवासी चंदवार की मढ़ेया और नाजिम निवासी नसीरपुर के खिलाफ धोखाधड़ी के अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं। उपरोक्त खाता संख्या के खिलाफ विभिन्न राज्यों के व्यक्तियों के साथ ऑनलाइन ठगी करने की एनसीआरपी पोर्टल पर कुल 49 शिकायतें दर्ज मिलीं हैं। इसमें जम्मू कश्मीर, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलगांना, गुजरात, कर्नाटक, ओडिसा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तामिलनाडू, बेस्ट बंगाल के पीड़ित शामिल हैं। यह खाता नजर आलम के नाम पर पंजीकृत है। पूछताछ में नजर आलम ने बताया कि नसीरपुर के नाजिम ने उनका खाता खुलवाया था।
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