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संभल में बना पहला अटल बाल उद्यान स्मृति पार्क:101 वीं जयंती पर “अटल स्मृति वन” से विकास की शुरुआत,1971 में यहीं सभा की थी

उत्तर प्रदेश के संभल में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती पर “अटल स्मृति वन” का उद्घाटन किया गया। यह जनपद की पहली ऐतिहासिक धरोहर है, जिसे सुशासन दिवस सप्ताह के अंतिम दिन जनता को समर्पित किया गया। यह पार्क संभल के लिए एक नई पहचान स्थापित करेगा, जो पहले अव्यवस्था और अतिक्रमण के लिए जाना जाता था। यह “अटल स्मृति वन” गुरुवार को संभल नगर पालिका परिषद के वार्ड 18 स्थित मुख्य बाजार क्षेत्र में विकसित किया गया है। यह स्थान पहले अतिक्रमण और अव्यवस्था का केंद्र था। जिला प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण हटाया और इस क्षेत्र का कायाकल्प किया, इसे प्रेरणा और राष्ट्रबोध के केंद्र में बदल दिया। पार्क का उद्घाटन जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया, पुलिस अधीक्षक कृष्ण विश्नोई, भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के पश्चिम उत्तर प्रदेश प्रभारी कुलदीप ऐरन, बीजेपी जिलाध्यक्ष चौधरी हरेंद्र सिंह रिकूं और बीजेपी सभासद चंचल गुप्ता सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने किया। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने बाल विद्या मंदिर सेकेंडरी स्कूल की कक्षा चार की छात्रा सिद्धि गुप्ता से बटन दबवाकर पार्क का लोकार्पण कराया। सभासद राजेंद्र कुमार, प्रमोद सैनी, शौकीन, महावीर सिंह, इब्राहिम फुरकान गोहर खां, अनीस, हाजी पप्पू, मौ. रागिब आदि मौजूद रहे। जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि यह स्मृति वन केवल हरियाली का प्रतीक नहीं है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए राष्ट्रवाद, सुशासन और विकास का एक जीवंत पाठ है। उन्होंने कहा कि इस स्मृति वन में वर्ष 1971 में अटल बिहारी वाजपेयी के संभल आगमन की ऐतिहासिक स्मृति को भी संजोया गया है। पार्क में अटल बिहारी वाजपेयी के चित्र के साथ-साथ देशहित में लिए गए उनके ऐतिहासिक निर्णयों, विचारों और योगदानों को दर्शाती एक विशेष प्रदर्शनी भी लगाई गई है। यह प्रदर्शनी आगंतुकों को राष्ट्र सेवा की प्रेरणा देगी। जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि “अटल स्मृति वन” केवल एक शुरुआत है, और संभल में चरणबद्ध तरीके से अन्य स्मृति स्थलों का निर्माण, सौंदर्यीकरण और विकास कार्य किए जाएंगे, जिससे आमजन, पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा। डीएम ने कहा कि जब समाज के सामने महापुरुषों के आदर्श होते हैं, तब स्वतः ही कुरीतियों पर अंकुश लगता है और सकारात्मक सोच जन्म लेती है। संभल जैसे प्राचीन तीर्थ नगर में यह स्मृति वन सांस्कृतिक पुनर्जागरण की मजबूत नींव साबित होगा। उन्होंने बताया कि संभल में 87 देवतीर्थ मौजूद हैं, जिनमें 68 जलतीर्थ और 19 महाकूप शामिल हैं। इन स्थलों के विकास से संभल जल्द ही धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान हासिल करेगा। कार्यक्रम में मुख्य रुप से पालिका ईओ डॉ. मणिभूषण तिवारी, टैक्स ऑफिसर कार्तिक यादव, राजेश यादव, पूर्व नगर अध्यक्ष भाजपा शिल्पी गुप्ता, मुदिता गुप्ता, निशिकांत तिवारी, विपिन अग्रवाल, अशोक रस्तोगी, नलिन जैन, गुलशन चाबा, नरेश चंद्रा, साजन गोयल, वीरेंद्र गोयल, विवेक गोयल, अंकित अग्रवाल शुभम श्रीमाली, मनोज श्रीमाली, शिवम गर्ग, कमल चंद्रा, नितिन गुप्ता, अनुभव गुप्ता, बीनू अग्रवाल, सुधीर गर्ग, सौरभ गुप्ता मुखिया, चौधरी देवेंद्र सिंह, पंडित गजेंद्र शर्मा, मनीष गुप्ता, प्रियांशु जैन, दिलीप गुप्ता, सुमित चंद्रा आदि सैकड़ो लोग मौजूद रहे।


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