संभल विकासखंड क्षेत्र में नहर की मिट्टी कटने से चार किसानों की 40 बीघा गेहूं और आलू की फसल जलमग्न हो गई। किसानों का आरोप है कि सूचना देने के बावजूद सिंचाई विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद उन्हें खुद जेसीबी मंगाकर नहर का पानी रोकना पड़ा। यह घटना संभल जनपद के थाना नखासा और विकासखंड क्षेत्र के गांव सलखना में हुई। गांव निवासी राजेंद्र पुत्र गुलाब सिंह, जितेंद्र पुत्र श्याम सिंह, और सगे भाई नरेश शर्मा व वीरेश शर्मा पुत्र होराम शर्मा के खेत नहर के पास स्थित हैं। मंगलवार देर रात अचानक नहर की मिट्टी कट गई। इससे राजेंद्र और जितेंद्र की 25 बीघा आलू की फसल, जबकि नरेश शर्मा और वीरेश शर्मा की 15 बीघा गेहूं की फसल पानी में डूब गई। कुल 40 बीघा फसल प्रभावित हुई। घटना की जानकारी मिलते ही चारों किसान मौके पर पहुंचे और तुरंत सिंचाई विभाग को सूचना दी। किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग की ओर से मौके पर कोई नहीं आया और न ही नहर को ठीक करने का प्रयास किया गया। विभाग से मदद न मिलने पर किसानों ने स्वयं जेसीबी मंगाई और मिट्टी डालकर नहर के पानी को बंद कराया। किसानों का कहना है कि पानी भरने से उनकी फसलें बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गई हैं और उन्हें भारी नुकसान हुआ है। उनका यह भी कहना था कि यदि समय पर पानी रुक जाता तो नुकसान से बचा जा सकता था।
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