संभल जिले में चार दिन पहले जंगल में मिले एक शावक की मंगलवार सुबह मौत हो गई। वन विभाग ने इसे जंगली बिल्ली का शावक बताया है, जबकि ग्रामीणों ने तेंदुआ होने का दावा किया था। पोस्टमार्टम के बाद शावक को दफना दिया गया। यह घटनाक्रम जनपद संभल के थाना असमोली क्षेत्र स्थित वन विभाग की नर्सरी का है। शावक को बीते शनिवार को कुतुबपुर मुरथुला भटपुरा संपर्क मार्ग पर पकड़ा गया था। जंगल में शावक के दिखाई देने के बाद ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई थी। शावक का इलाज वन विभाग के परिसर में बनी नर्सरी के पशु चिकित्सालय में चल रहा था। मंगलवार सुबह इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। कुछ ग्रामीणों का कहना था कि बेहतर इलाज के लिए इसे बरेली भेजा जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। वनरक्षक आशुतोष देवल ने बताया कि शावक का चार दिन से इलाज चल रहा था। उन्होंने पुष्टि की कि असमोली क्षेत्र में तालाब के किनारे जंगली बिल्लियां पाई जाती हैं। देवल के अनुसार, पिछले दिनों गांव मबई ढोल में मिले बच्चे भी इसी प्रजाति की बिल्ली के हो सकते हैं।
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