संभल के एक निजी स्कूल में भारतीय इतिहास संकलन समिति के तत्वावधान में “गीता के माध्यम से कल्कि संदेश” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता गीता मनीषी स्वामी कृष्णानंद झा ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता जीवन जीने की कला सिखाती है और इसमें हर राष्ट्रीय, सामाजिक, पारिवारिक या व्यक्तिगत समस्या का समाधान निहित है। स्वामी कृष्णानंद झा ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन के माध्यम से गीता में हर समस्या, परेशानी, भ्रम और दुख का समाधान प्रदान किया है। उन्होंने श्रोताओं से आग्रह किया कि गीता केवल पढ़ने, सुनने और समझने के लिए नहीं है, बल्कि इसे अपने जीवन में उतारकर मनन करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम के दौरान श्रोताओं द्वारा पूछे गए विभिन्न प्रश्नों के समाधान के लिए स्वामी झा ने गीता के विशेष श्लोकों का उदाहरण दिया, जिससे उनकी जिज्ञासाओं और शंकाओं का निवारण हुआ। उन्होंने शरीर, इंद्रिय, मन, बुद्धि और आत्मा को व्यक्तित्व के पांच मुख्य तत्व बताते हुए कहा कि उत्तम व्यक्तित्व की पहचान सदाचार और सदमार्ग पर चलने से होती है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने पांच जिज्ञासुओं को श्रीमद्भगवद्गीता की प्रतियां भेंट कीं। इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष अनंत कुमार अग्रवाल ने जानकारी दी कि स्वामी कृष्णानंद झा पूरे जनपद में गीता का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं और कॉलेज तथा सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं के माध्यम से इसकी उपयोगिता को आमजन तक पहुंचा रहे हैं। भारतीय इतिहास संकलन समिति के जिलाध्यक्ष अजय कुमार शर्मा ने आयोजन की सफलता के लिए विद्यालय के प्रधानाचार्य शिव शंकर शर्मा का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में शिक्षक, समाजसेवी और विद्यार्थीगण सहित राजीव कुमार, विष्णु प्रसाद, गौरव गुप्ता, दीपाली गोयल, विजेंद्र सिंह, निरंकार कुमार, पीयूष, राकेश सिंह, संजीव भटनागर, विमलेश सैनी जैसे कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिन्होंने अपने विचार साझा किए और अपनी समस्याओं का समाधान जाना। कार्यक्रम का संचालन सुनीता शर्मा ने किया, जबकि अध्यक्षता प्रधानाचार्य शिव शंकर शर्मा ने की। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि का गीता भेंट कर स्वागत करने के साथ हुई।
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