संभल की एक विशेष पॉक्सो एक्ट अदालत ने नाबालिग को बहला-फुसलाकर ले जाने के मामले में एक आरोपी को 12 साल के कारावास और 31,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। इस मामले में आरोपी के माता-पिता समेत तीन अन्य लोगों को अदालत ने दोषमुक्त कर दिया। यह फैसला गुरुवार को जनपद संभल के विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अवधेश कुमार सिंह ने सुनाया। न्यायाधीश ने थाना हयात नगर क्षेत्र से जुड़े इस मामले में पप्पू पुत्र ऋषिपाल को दोषी ठहराया। अदालत ने पप्पू को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 363 के तहत 3 वर्ष के कारावास और 5,000 रुपये के अर्थदंड, धारा 366 के तहत 5 वर्ष के कारावास और 6,000 रुपये के अर्थदंड तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत 12 वर्ष के कारावास और 20,000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। मामले में आरोपी के पिता ऋषिपाल पुत्र राम सिंह, मां राजवती पत्नी ऋषिपाल और सत्यवीर पुत्र करू को भी आरोपी बनाया गया था। हालांकि, न्यायालय ने अंतिम सुनवाई के बाद इन तीनों को दोषमुक्त कर दिया। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आदित्य कुमार सिंह ने बताया कि यह पूरा मामला वर्ष 2017 का है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि यदि आरोपी अर्थदंड की राशि जमा नहीं करता है, तो उसे 4 महीने का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। न्यायालय ने आदेश दिया है कि जुर्माने की आधी धनराशि पीड़िता को दी जाएगी।
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