संभल जिले की परियावली गौशाला में गोवंशों की बदहाल हालत एक बार फिर सुर्खियों में है। गौशाला में गंदगी, चारा-पानी की कमी और बीमार तथा कुपोषित पशुओं की बढ़ती संख्या को लेकर लोगों में नाराजगी है। इसी कड़ी में श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर उमाशंकर महंत (आजमगढ़ वाले) ने गौशाला का औचक निरीक्षण किया और वहां की दयनीय स्थिति पर गहरी चिंता जताई। निरीक्षण के दौरान महंत ने गौशाला परिसर में जगह-जगह फैली गंदगी, गोबर के ढेर और बीमार पशुओं को देखते ही नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि कई गोवंश भूख और बीमारी से तड़प रहे थे, जबकि उनकी देखभाल के लिए कोई जिम्मेदार कर्मचारी मौके पर मौजूद नहीं था। महंत ने आरोप लगाया कि सरकार से पर्याप्त बजट मिलने के बावजूद स्थानीय स्तर पर घोर लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण गौशाला की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। महामंडलेश्वर ने संभल के जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से सवाल पूछते हुए कहा कि गौशाला संचालन में भारी अनियमितताएं दिखाई दे रही हैं। उन्होंने मांग की कि लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों को तुरंत निलंबित कर कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि ऐसी स्थिति दोबारा न बने। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समय रहते गौशाला की व्यवस्थाओं में सुधार नहीं किया गया, तो यह मामला आगे चलकर सामाजिक और धार्मिक विवाद का रूप ले सकता है। महंत ने समाज और प्रशासन से इस संवेदनशील मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देने की अपील की। उधर, पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मामले की जानकारी मिलते ही जांच टीम गौशाला भेज दी गई है। बीमार गोवंश को दवाएं, चारा और पानी उपलब्ध कराने तथा साफ-सफाई की व्यवस्था शुरू कर दी गई है। विभाग ने आश्वासन दिया कि जो भी कर्मचारी या अधिकारी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई होगी और गौशाला की स्थिति को सुधारने के प्रयास तेज किए जाएंगे।
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