संभल में ‘मैं जिंदा हूं साहब’ का दावा करते हुए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने वाले व्यक्ति तेजपाल की जांच पूरी हो गई है। जांच में उसके सभी आरोप झूठे पाए गए हैं। जिलाधिकारी के निर्देश पर नायब तहसीलदार सतेंद्र चाहर ने चंदौसी तहसील के जहांगीरपुर गांव में इस मामले की जांच की थी। चंदौसी एसडीएम आशुतोष तिवारी ने जांच रिपोर्ट मिलने के बाद बताया कि जहांगीरपुर निवासी तेजपाल पुत्र नंद किशोर ने जिलाधिकारी को एक प्रार्थना पत्र दिया था। इसमें उसने आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी फर्जी दस्तावेज तैयार कर उसकी जमीन हड़पना चाहती है। जांच टीम के गांव पहुंचने पर तेजपाल की पत्नी शीला ने बताया कि उसका पति मानसिक रूप से अस्वस्थ रहता है और नशे का आदी है। शीला के अनुसार, तेजपाल मुरादाबाद में रहता है और जब भी घर आता है, तो मारपीट करता है। वह उस पर ‘बदचलन’ होने का आरोप लगाकर उसे घर से भगा देता है, जबकि उनके चार बच्चे हैं। एसडीएम ने बताया कि गांव के लोगों से भी बयान लिए गए। ग्रामीणों ने पुष्टि की कि तेजपाल काफी समय से गांव में निवास नहीं कर रहा है और वह बेवजह झूठी शिकायतें करता है। जब भी कोई जांच अधिकारी गांव में जाता है, वह स्वयं वहां उपस्थित नहीं रहता है। तेजपाल ने शिकायत में अपने नाम से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने का दावा किया था। इसकी जांच पंचायत सहायक से कराई गई, तो पता चला कि सचिव या ब्लॉक स्तर पर तेजपाल के नाम से कोई भी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी नहीं हुआ है। एसडीएम ने तेजपाल के सभी आरोपों को निराधार बताया। तेजपाल पुत्र नंदकिशोर ने अपनी पत्नी शीला और वीरपाल पर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर 2 करोड़ रुपये की 12 बीघा जमीन बेचने का आरोप लगाया था। तेजपाल का विवाह वर्ष 2005 में बदायूं जनपद के बिसौली थाना क्षेत्र के बरखेड़ा गांव निवासी शीला पुत्री रामनिवास के साथ हुआ था। उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं, जिनके नाम दीक्षा, मंजू, कौशल और उमेश हैं। नायब तहसीलदार सतेंद्र चाहर ने पंचायत सचिव मनोज कुमार, ग्राम प्रधान जमुना प्रसाद, राशन डीलर रमेश चंद्र, बीएलओ सुशील कुमार, पत्नी शीला देवी एवं गांव के पान सिंह, महेंद्र, अनिल, सचिन शर्मा, हेम सिंह, खुशीराम, दुर्वेश यादव, मूलचंद, दीनदयाल, नौबत सिंह, रोशन लाल, श्यामलाल आदि के शपथ पत्र लिए थे।
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