राष्ट्रीय संत गाडगे महाराज का परिनिर्वाण दिवस शनिवार को राजधानी लखनऊ में मनाया गया। पक्के पुल स्थित मारी माता मंदिर परिसर में आयोजित कार्यक्रम में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। यह कार्यक्रम श्रद्धा, सम्मान और सामाजिक चेतना से ओतप्रोत था। कार्यक्रम की शुरुआत बाबा गाडगे महाराज की प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि से हुई। श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं ने संत गाडगे महाराज के जीवन, संघर्ष और समाज सुधार के कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार ने बताया कि पक्के पुल स्थित मारी माता मंदिर परिसर में स्थापित यह प्रतिमा लखनऊ के सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के प्रयासों से स्थापित हुई थी। प्रतिमा का अनावरण स्वयं अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने कर-कमलों से किया था। संत गाडगे महाराज का संदेश समाज के लिए प्रासंगिक गोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय संत गाडगे महाराज का संदेश आज भी समाज के लिए उतना ही प्रासंगिक है। उन्होंने बाबा के उपदेशों का उल्लेख करते हुए बताया कि भूखे को अन्न, प्यासे को पानी, वस्त्रहीन को वस्त्र, गरीब बच्चों की शिक्षा में सहयोग, बेघरों को आश्रय, अंधे-विकलांग-बीमार व्यक्तियों की सेवा, बेरोजगारों को रोजगार तथा पशु-पक्षियों और मूक प्राणियों की रक्षा ही सच्चा धर्म है। प्रदेश अध्यक्ष ने समाज से अपील करते हुए कहा कि समाज के नाम पर दुरुपयोग करने वाले, ठगी करने वाले या समाज की संपत्ति पर कब्जा करने वालों का विरोध करना समाज का कर्तव्य है। उन्होंने जोर दिया कि ऐसे कृत्यों का विरोध न करना बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों का अपमान है। ये लोग शामिल हुए संगठन के महामंत्री यशपाल ने अपने संबोधन में कहा कि समाज को एकजुट कर बाबा संत गाडगे महाराज के विचारों पर चलकर ही समाज को आगे बढ़ाया जा सकता है।इस अवसर पर राजू कनौजिया, यशपाल कनौजिया, जीतू कनौजिया, आकाश कनौजिया, संजय कुमार, सुमित कुमार, राजकुमार, फूलचंद, राम प्रकाश, रमेश सहित बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित रहे। सभी ने बाबा संत गाडगे महाराज को पुष्प अर्पित कर सच्ची श्रद्धांजलि दी।
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