जिले में शीतलहर और घने कोहरे ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। सोमवार को जिले का अधिकतम तापमान सामान्य से छह डिग्री सेल्सियस नीचे 17.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस रहा, जो शिमला के 11 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान से भी कम था। मौसम विज्ञानी कैलाश कुमार ने बताया कि 25 दिसंबर तक ऐसी ही स्थिति बने रहने का अनुमान है। इस पूरे इलाके को रेड अलर्ट जोन में रखा गया है। उन्होंने लोगों, विशेषकर बुजुर्गों को, आवश्यक होने पर ही घरों से बाहर निकलने की सलाह दी है। शनिवार से ही मौसम में शुरू हुए बदलाव के कारण रेल और सड़क परिवहन पर भी असर पड़ा है। सोमवार दोपहर बाद कुछ देर के लिए धूप निकली, लेकिन ठंडी हवाओं के कारण तापमान में कोई खास बदलाव नहीं हुआ। हाईवे पर कम दृश्यता के कारण वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई है। ठंड के प्रकोप को देखते हुए, जिलाधिकारी ने आठवीं कक्षा तक के सभी विद्यालयों को आज भी( मंगलवार ) को बंद रखने का आदेश दिया है। इस भीषण ठंड में रैन बसेरे बेघर और जरूरतमंद लोगों के लिए सहारा बने हुए हैं। स्थानीय कस्बों में भिक्षाटन कर जीवन यापन करने वाले कई लोग यहां शरण ले रहे हैं। रैन बसेरे के स्टाफ ने बताया कि प्रतिदिन लगभग दो दर्जन लोग रात बिताने के लिए आते हैं। उनके आधार कार्ड की पुष्टि के बाद ही उन्हें रुकने की अनुमति दी जाती है। जिन लोगों के पास आधार कार्ड नहीं हैं, उन्हें चिन्हित कर बनवाने की व्यवस्था की जा रही है।
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