संत कबीर नगर जिले के मेंहदावल विकासखंड में सैकड़ों से अधिक हैंडपंप लगाए गए हैं, जिनके साथ एक पत्थर लगा है जिसपर उर्दू में कुछ लिखा है। इन हैंडपंपों की स्थापना को लेकर रहस्य गहरा गया है, क्योंकि किसी भी सरकारी विभाग, जैसे विकास विभाग या जल निगम, को इसकी जानकारी नहीं है। लोग लगाने वाले विभाग के बारे में जानना चाह रहे है। यह मामला सुर्खियों में आने के बाद लगभग आधा दर्जन एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं और डेटा खंगालने में जुट गई हैं। वे यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि आखिर इन हैंडपंपों को कौन लगवा रहा है। सोशल मीडिया पर लोगों ने आधार कार्ड के दुरुपयोग की आशंका भी जताई है, जिसमें हैंडपंप लगवाने के लिए आधार कार्ड लेने का जिक्र है। एक ग्रुप में एक सदस्य ने लिखा है कि इसके लगवाने में आधार कार्ड लिया जा रहा, जिससे कार्ड का विदेश में दुरुपयोग हो सकता है। यह है पूरा मामला : जानकारी के अनुसार, मेंहदावल विकासखंड के एक दर्जन से अधिक गांवों में पिछले दो वर्ष से ये नल (हैंडपंप) लगाए जा रहे हैं। इन नलों की देखरेख विकासखंड के ही एक गांव के रहने वाले एक युवक द्वारा की जा रही है। चर्चा है कि यह युवक एक वर्ष पहले नेपाल से कुछ लोगों को लाकर मेंहदावल में फास्ट फूड की दुकान भी चला रहा था। उसका नेपाल आना-जाना अक्सर लगा रहता था, हालांकि अब वह फास्ट फूड की दुकान बंद हो चुकी है। गांवों में यह चर्चा तेजी से फैली है कि ये नल (हैंडपंप) गरीब तबके के लोगों के घरों में लगाए जा रहे हैं। सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि इन नलों को लगवाने के लिए किसी ने कोई आवेदन नहीं किया है, और न ही यह स्पष्ट है कि इन्हें किस आधार पर स्थापित किया जा रहा है।
https://ift.tt/M25d6hj
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply