संतकबीरनगर में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष मोहन लाल विश्वकर्मा के निर्देश पर हीरालाल स्नातकोत्तर महाविद्यालय खलीलाबाद में हुआ। प्राधिकरण के सचिव और अपर जिला जज देवेंद्र नाथ गोस्वामी ने मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित करते हुए कहा कि सभी को इंसान होने के नाते मानवाधिकार प्राप्त हैं। उन्होंने बताया कि मानवाधिकार सार्वभौमिक अधिकार हैं, जो किसी राज्य या देश द्वारा प्रदान नहीं किए जाते। प्रत्येक व्यक्ति को बिना किसी भेदभाव के शांति, सुरक्षा और गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार है। गोस्वामी ने संविधान के अनुच्छेद 21 के महत्व पर भी विस्तार से चर्चा की। लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के चीफ अन्जय कुमार श्रीवास्तव ने विशिष्ट अतिथि के रूप में संबोधित किया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष मानवाधिकार दिवस का थीम ‘मानवाधिकार, हमारी रोजमर्रा की अनिवार्यताएं’ है। श्रीवास्तव ने जोर दिया कि मानवाधिकारों के बिना मानवीय गुणों का विकास संभव नहीं है और ये मानव के गौरव व प्रतिष्ठा के संरक्षण के लिए अनिवार्य हैं। उन्होंने प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं और 13 दिसंबर को होने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत का लाभ उठाने की जानकारी भी दी। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. बृजेश कुमार त्रिपाठी ने संयुक्त महासभा द्वारा बनाए गए अधिकारों की व्याख्या की। उन्होंने बताया कि विश्व स्तर पर मनुष्य के अधिकारों की सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन किया गया है। प्रो. त्रिपाठी ने कहा कि यह दिवस हमें अपने अधिकारों को संरक्षित करने के लिए प्रेरित करता है। इस अवसर पर छात्र अधिष्ठाता विजय कुमार, डा. शशिकांत राव, असिस्टेंट प्रोफेसर डा. विजय कुमार मिश्र, डा. मनोज कुमार मिश्र, डा. हेमेंद्र शंकर सहित महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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