आगरा के लालऊ गांव में संजलि हत्याकांड की सातवीं बरसी गुरुवार को मनाई जा रही है। सात साल पहले 10वीं की छात्रा संजलि को पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया गया था। इस मामले में दोषियों को सजा मिल चुकी है, लेकिन परिवार को अब भी सरकारी मुआवजे और वादों के पूरा होने का इंतजार है। यह घटना सात वर्ष पूर्व हुई थी जब संजलि स्कूल से घर लौट रही थी। उसके चचेरे भाई योगेश और उसके दो साथियों ने उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। गंभीर रूप से झुलसी संजलि ने दिल्ली में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। घटना के दो दिन बाद संजलि के चचेरे भाई योगेश ने विषाक्त पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने इस मामले में अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। छह साल बाद, गांव कलवारी निवासी विजय और भवनपुरा निवासी आकाश को दोषी ठहराया गया और उन्हें आजीवन कारावास तथा अर्थदंड की सजा सुनाई गई। संजलि की मां अनीता देवी ने बताया कि हत्याकांड के बाद जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने परिवार को सहायता के कई वादे किए थे। इनमें आवास और खेती के लिए पट्टे की जमीन दिलाने का आश्वासन भी शामिल था। अनीता देवी के अनुसार, सात वर्ष बीत जाने के बाद भी परिवार को कोई सरकारी मदद नहीं मिली है। परिवार आज भी आर्थिक तंगी से जूझ रहा है और उनके पास वकील करने तक के पैसे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई और कोई सहायता नहीं मिली है।
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