प्रयागराज में संगम किनारे खड़ी दो नावें फूंकने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। दोनों नावों को पहले बहाकर छतनाग की ओर ले जाया गया। इसके बाद पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी गई। पूरी तरह जलने से पहले ही दोनों नावों को नदी में डुबो दिया गया। खोजबीन के दौरान गोताखोरों ने दोनों नावों को बाहर निकाला। नाव मालिक ने दारागंज थाने में तहरीर दी है। सात दिसंबर की घटना
पिन्टू निषाद नई बस्ती कीडगंज का रहने वाला है। उसने बताया, मैं धूस्सा घाट व संगम नोज से नाव चलाने व चलवाने का काम करता हूं। रोज की तरह सात दिसंबर की शाम पांच बजे भी दो नावों को धुस्सा घाट और संगम नोज के बीच में बांधकर घर चला गया। अगली सुबह 8:00 बजे घाट पर पहुंचा तो देखा कि नावें गायब थीं। खोजबीन के दौरान ही पता चला कि रात एक बजे के करीब नदी में तैर रही दो नावें जलती हुई छतनाग घाट के पास देखी गई थीं। कुछ देर बाद वह टॉवर के थोड़ा आगे जाकर डूब गई। 17 व 19 दिसंबर को नदी में डूबी मिलीं
सूचना देने के बाद जल पुलिस, प्राइवेट गोताखोर तलाश में जुटे। 17 दिसंबर को एक और 19 दिसंबर को दूसरी नाव अधजली हालत में नीबी व छतनाग के बीच नदी में डूबी मिली। इसके बाद दोनों नावों को गोताखोरों की मदद से बाहर निकाला गया। दो लोग डोंगी पर सवार होकर नावें ले जाते दिखे
पिंटू का कहना है कि लोगों से बातचीत के दौरान ही एक मोबाइल वीडियो मिला। इसमें दो लोग डोंगी पर सवार होकर जली हुई नाव खींचकर ले जाते दिखाई दिए हैं। फिलहाल यह नहीं पता चल सका है कि वह कौन लोग हैं। पीड़त के मुताबिक, उसकी किसी से कोई रंजिश नहीं है। ऐसे में समझ नहीं आ रहा कि यह किसने किया।
पुलिस जांच में जुटी दारागंज थाना प्रभारी ज्ञानेश्वर मिश्रा का कहना है कि मामले में जांच पड़ताल कराई जा रही है। फिलहाल पीड़ित ने किसी पर शक नहीं जताया है। उधर पीड़ित पिंटू ने बताया कि उन्होंने मामले में पुलिस कमिश्नर को शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है।
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