उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा वन विभाग के सहयोग से विकसित जोधपुर झाल वेटलैंड इस समय वैश्विक स्तर पर संकटग्रस्त प्रवासी पक्षी कॉमन पोचार्ड की मौजूदगी से गुलजार है। वेटलैंड पर इनकी 6 जोड़ियों का एक साथ दिखाई देना जैव विविधता और वेटलैंड की उत्कृष्ट पारिस्थितिकी का संकेतक माना जा रहा है। यह वेटलैंड मथुरा, आगरा और भरतपुर के प्राकृतिक कॉरिडोर में शामिल है, जिससे यहां प्रवासी पक्षियों की आवाजाही निरंतर बनी रहती है। मध्यम आकार की गोताखोर बत्तख है कॉमन पोचार्ड जोधपुर झाल पर विशेष भूमिका निभा रहे बायोडायवर्सिटी रिसर्च एंड डिवेलपमेंट सोसाइटी के पक्षी विशेषज्ञ डॉ. केपी. सिंह बताते हैं कि इसका वैज्ञानिक नाम अयथ्या फेरिना है। नर का सिर लाल और मादा का भूरा होता है। यह एक मध्यम आकार की गोताखोर बत्तख है, जो मुख्यतः रात में भोजन करती है। इसका भोजन जलीय पौधों और अकशेरुकी जीव हैं। मीठे पानी की झीलों, तालाबों, दलदल और साफ पानी वाली नदियां इसका प्रमुख हेविटाट हैं। इनके समूहों में ब्रूड परजीवीवाद का व्यवहार भी देखा जाता है। लंबी दूरी तय कर उत्तर भारत के वेटलैंड्स में शीतकालीन प्रवास पर आता है यह पक्षी आगरा कॉलेज की जन्तु विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अमिता सरकार के अनुसार कॉमन पोचार्ड हर वर्ष पूर्वी साइबेरिया, मंगोलिया व मध्य एशियाई क्षेत्रों से लंबी दूरी तय कर उत्तर भारत के वेटलैंड्स में शीतकालीन प्रवास पर आती है। सर्दियों में मथुरा के जोधपुर झाल, आगरा के सूर सरोवर तथा भरतपुर के केवलादेव नेशनल पार्क में नियमित रूप से दिखाई देती है। यह प्रजाति सेंट्रल एशियन फ्लाई-वे से प्रवास कर उत्तर भारत के वेटलैंड्स तक पहुंचती है और वैश्विक स्तर पर संकटग्रस्त 29 प्रजातियों में शामिल वल्नरेबल श्रेणी में सूचीबद्ध है।
जन्तु विज्ञान के प्रोफेसर विश्वकांत गुप्ता बताते हैं कि यह पक्षी झुंड में रहना पसंद करता है और अक्सर सर्दियों में बड़े झुंड या राफ्ट बनाते हुए देखा जाता है। यह टफ्टेड डक जैसी अन्य गोताखोर प्रजातियों के साथ भी घुल-मिल जाते हैं और प्रवास के दौरान अक्सर छोटे समूहों में उड़ान भरते हैं। कॉमन पोचार्ड तेज़ उड़ान वाला पक्षी है, जो प्रवास के दौरान लगभग 50 मील प्रति घंटा की रफ्तार से सीधी फड़फड़ाती उड़ान भरता है, जो इसकी लंबी दूरी तय करने की क्षमता को स्पष्ट करती है। वैज्ञानिक मानकों के अनुरूप विकसित किया है जोधपुर झाल उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सूरज पटेल ने बताया जोधपुर झाल वेटलैंड को वैज्ञानिक मानकों के अनुरूप विकसित किया गया है, जिससे यह प्रवासी पक्षियों के लिए एक सुरक्षित और अनुकूल आवास बन चुका है। वेटलैंड में पानी की गुणवत्ता, प्राकृतिक वनस्पति, सुरक्षित हेविटाट तथा जैव विविधता संरक्षण को ध्यान में रखकर किए गए कार्यों ने इसे प्रवासी पक्षियों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र बना दिया है। कॉमन पोचार्ड जैसी वैश्विक स्तर पर संकटग्रस्त प्रजाति का आगमन इस बात का प्रमाण है कि जोधपुर झाल अब महत्वपूर्ण बर्ड हॉट स्पॉट्स में अपनी जगह बना रहा है। परिषद का लक्ष्य वेटलैंड को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित कर इसे ब्रज क्षेत्र का प्रमुख इको-टूरिज्म स्थल बनाना है .
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