मिर्जापुर में श्रीविंध्य पंडा समाज व्यवस्थापिका समिति की बैठक हुई। इसमें मंदिर व्यवस्था से जुड़े 11 बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में वरिष्ठ सदस्यों और परिवार बंधुओं ने धाम में आने वाले भक्तों की सुविधा पर सहमति जताई और जिला प्रशासन से सहयोग की अपेक्षा की। विंध्य धाम में पंडा समाज के साथ-साथ विंध्य विकास परिषद भी व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालता है, जिसके पदेन अध्यक्ष जिलाधिकारी होते हैं। बैठक में धाम की व्यवस्था सुधारने के लिए कुल 11 बिंदुओं पर सहमति बनी। इनमें पुरोहितों की ड्यूटी तय कर व्यवस्थित सेवा प्रणाली बनाना और धाम परिसर की सफाई को सर्वोच्च प्राथमिकता देना शामिल है। अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं में धाम परिसर में भिक्षाटन पर रोक लगाना और यात्रियों से अवैध कमाई करने वालों पर कार्रवाई की मांग शामिल थी। मंदिर में सभी तीर्थ पुरोहितों के लिए ड्रेस और आई-कार्ड अनिवार्य करने पर जोर दिया गया, ताकि फर्जी पंडों की पहचान कर कानूनी कार्रवाई की जा सके। देश-विदेश से आने वाले वीआईपी भक्तों का मंत्रोच्चार के साथ सम्मान करने पर भी चर्चा हुई। पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी ने कहा कि क्षेत्र में कोई भी अवैध गतिविधि या वस्तु दिखने पर तुरंत पंडा समाज को सूचित किया जाए। उन्होंने विंध्य विकास परिषद के साथ समन्वय स्थापित कर संपूर्ण मंदिर व्यवस्था को दुरुस्त करने पर जोर दिया। यह भी तय किया गया कि धाम परिसर में पंडा समाज और परिषद की मासिक बैठकें आयोजित की जाएंगी। बैठक में विंध्य पंडा समाज और विंध्य विकास परिषद के चुनाव नियमावली के अनुसार जल्द कराने की मांग पर भी विचार-विमर्श हुआ। कॉरिडोर क्षेत्र में रहने वाले स्थानीय निवासियों के लिए वाहन पास जारी करने की आवश्यकता भी जताई गई। सदस्यों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि प्रशासनिक अधिकारियों से शीघ्र वार्ता कर इन सभी बिंदुओं पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। इस बैठक में मंत्री भानू पाठक, पूर्व अध्यक्ष भगवान दत्त पाठक, धर्मेंद्र पांडेय, मंदिर व्यवस्था प्रमुख गुंजन मिश्र, निरीक्षक रतन मोहन मिश्र, चतुरानन मिश्र, गौतम द्विवेदी, केदारनाथ भंडारी, शनि दत्त पाठक, अंशुल मिश्र और राजीव पांडेय सहित कई प्रमुख सदस्य उपस्थित रहे।
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