श्रावस्ती पुलिस ने सरकारी योजनाओं, अनुदान और सब्सिडी का झांसा देकर आम लोगों से साइबर ठगी करने वाले एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। जांच में म्यूल खातों के माध्यम से लगभग ₹56.71 लाख के अवैध लेन-देन का खुलासा हुआ है। यह कार्रवाई जनपद में बढ़ते साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत की गई। थाना सिरसिया साइबर सेल ने 23 दिसंबर 2025 को शिवप्रताप वर्मा, पुत्र जनकराम वर्मा, निवासी धर्मन्तापुर को राइस मिल शाहपुर बरगदवा के पास से गिरफ्तार किया। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी ने विभिन्न बैंक खातों के जरिए करीब ₹15.69 लाख का साइबर लेन-देन किया था। उसके कब्जे से तीन बैंक पासबुक, तीन एटीएम कार्ड, दो चेकबुक और नकदी बरामद की गई। इसी क्रम में, थाना सोनवा साइबर सेल ने वीरेंद्र, पुत्र जानकी, निवासी दुगहरा दाखिला फतुहापुर को दिकौली नहर पुल के पास से पकड़ा। जांच में उसके दो बैंक खातों से क्रमशः ₹24.81 लाख और ₹16.20 लाख की धनराशि के साइबर फ्रॉड की पुष्टि हुई है। पुलिस ने उसके पास से बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड, आधार व पैन कार्ड, मोबाइल फोन तथा एक मोटरसाइकिल जब्त की है। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे एक संगठित गिरोह के रूप में काम करते थे। गिरोह के सदस्य आम नागरिकों को सरकारी योजनाओं, आर्थिक सहायता और सब्सिडी का लालच देकर उनके नाम पर बैंक खाते खुलवाते थे या पहले से मौजूद खातों को अपने नियंत्रण में ले लेते थे। इसके बाद, खाताधारकों के एटीएम कार्ड, चेकबुक, पासबुक और मोबाइल नंबर अपने कब्जे में लेकर उन खातों को म्यूल खाते के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। इन खातों के जरिए साइबर ठगी से प्राप्त धनराशि का लेन-देन होता था। पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच में यह भी संकेत मिले हैं कि इस गिरोह द्वारा कई अन्य बैंक खातों का भी उपयोग किया गया है।
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