सिद्धार्थनगर की शोहरतगढ़ विधायक विनय वर्मा (अपना दल एस) ने एक इंटर कॉलेज में अवैध फीस वसूली और संचालक के विदेशी होने की शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की है। विधायक ने पूरे प्रकरण को गंभीर साजिश बताते हुए उच्च स्तरीय जांच और अपनी जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग भी की है। इस पूरे मामले की शुरुआत शोहरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र स्थित गांधी आदर्श विद्यालय इंटर कॉलेज में अवैध फीस वसूली की शिकायत से हुई। कुछ दिन पहले कॉलेज में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे स्थानीय विधायक विनय वर्मा को छात्रों और अभिभावकों ने घेर लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि कॉलेज में फीस के नाम पर मनमानी वसूली की जा रही है और रसीद तक नहीं दी जाती। विधायक ने मौके पर ही अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए। जिलाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद जांच की जिम्मेदारी जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) को सौंपी गई। जांच के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए विधायक के मुताबिक, कॉलेज में ऐसी मदों में फीस वसूली की गई, जिसकी जानकारी विभाग को नहीं दी गई थी। पैसों के लेन-देन का कोई रिकॉर्ड जांच टीम को नहीं दिया जा सका। जांच रिपोर्ट में विद्यालय के प्रबंधन तंत्र और प्रधानाध्यापक को दोषी ठहराया गया। विधायक का कहना है कि रिपोर्ट में जैसे ही जांच रिपोर्ट सार्वजनिक हुई, विद्यालय प्रबंधन ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। प्रबंधन की ओर से मुख्यमंत्री कार्यालय में विधायक निधि की जांच की शिकायत कर दी गई। बस्ती मंडल के आयुक्त की संस्तुति पर संयुक्त विकास आयुक्त ने आनन-फानन में जांच के आदेश भी जारी कर दिए। नेपाली नागरिकता पर सवाल, अधिकारियों पर साठगांठ का आरोप विधायक विनय वर्मा ने अपने पत्र में विद्यालय के प्रबंधक कुणाल प्रताप शाह की नागरिकता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रबंधक के नेपाली नागरिक होने की चर्चा है और इसके बावजूद वह खुद को नाथ संप्रदाय से जुड़ा बताता है। ऊंचे संपर्कों का हवाला देकर अधिकारियों पर दबाव बनवाता है। विधायक का कहना है कि जैसे ही जांच रिपोर्ट आई, उल्टे उन्हीं पर कई स्तरों से दबाव बनाया जाने लगा। विधायक बोले—जांच का स्वागत, पांच साल की हो विधायक ने अपने पत्र में लिखा है कि वे विधायक निधि की जांच का स्वागत करते हैं और चाहें तो पिछले पांच साल की जांच कर ली जाए। लेकिन सवाल यह है कि अगर एक विदेशी नागरिक इतना प्रभावशाली हो जाएगा, तो फिर जनप्रतिनिधियों की बात कौन सुनेगा?” उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि उनकी ओर से पीडब्ल्यूडी, सिंचाई विभाग, नगर पंचायत समेत कई मामलों में 2022 से शिकायतें की गईं, लेकिन किसी पर इतनी तेजी से कार्रवाई नहीं हुई। जान का खतरा बताया, सुरक्षा की मांग विधायक विनय वर्मा ने पत्र में यह भी लिखा है कि पूरे मामले में उन्हें जान का खतरा महसूस हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से माहौल बनाया जा रहा है जनहित में आवाज उठाने पर ही जांच बैठा दी गई। उन्होंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से उच्च स्तरीय जांच के साथ-साथ सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की है। विधायक के पत्र के चलते दिल्ली में सियासी हलचल तेज हो गई है। माना जा रहा है कि यह मामला जल्द ही उत्तर प्रदेश विधानसभा में भी उठेगा।
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