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शुक्रतीर्थ में सनातन धर्म संसद में 12 प्रस्ताव पारित:भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने और CM योगी को PM बनाए जाने की मांग

मुजफ्फरनगर के ऐतिहासिक महाभारतकालीन तीर्थ स्थल शुक्रतीर्थ में रविवार को हिंदू संघर्ष समिति द्वारा भव्य सनातन धर्म संसद का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण धार्मिक-सामाजिक सम्मेलन में विभिन्न राज्यों से आए अनेक साधु-संत, साध्वियां और लगभग 38 हिंदू संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। संसद में 12 प्रमुख प्रस्तावों पर चर्चा कर उन्हें सर्वसम्मति से पारित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महामंडलेश्वर स्वामी केशवानंद सरस्वती महाराज ने की। प्रस्तावों पर अपने विचार प्रकट करने वाले प्रमुख संतों में स्वामी विवेकानंद जी महाराज, स्वामी यति नृसिंह सरस्वती जी महाराज, स्वामी अनंतानंद सरस्वती जी महाराज, स्वामी आनंदेश्वरानंद जी महाराज, स्वामी प्रेमानंद जी महाराज सहित कई संत शामिल रहे। मुस्लिम सनातनी नाजिया इलाही खान ने भी दिया समर्थन धर्म संसद में पहुंचीं मुस्लिम सनातनी नाजिया इलाही खान ने भी हिंदुत्व के पक्ष में अपना समर्थन जताया। मंच से बोलते हुए उन्होंने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी और महमूद मदनी पर कड़ा प्रहार किया।उन्होंने कहा, आज मुला-मौलवी हमें जिहाद सिखा रहे हैं। हिंदू अब भी नहीं जागे तो कब जागेंगे। भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने का प्रस्ताव सबसे प्रमुख संसद में पारित प्रस्तावों में सबसे प्रमुख प्रस्ताव था। भारत को संपूर्ण हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए। गौ माता को राष्ट्रीय माता का दर्जा दिया जाए। कठोर जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू किया जाए। समान नागरिक संहिता (UCC) शीघ्र लागू हो। दो से अधिक बच्चों वाले लोगों को सरकारी सुविधाएं बंद की जाएं। कानून के उल्लंघन पर कठोर दंड का सुझाव भी संतों ने दिया। आपातकाल लगाकर हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि 1984 में आपातकाल के दौरान ‘सेकुलरवाद’ शब्द जोड़ा गया था। इसे हटाने और भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने के लिए एक बार फिर आपातकाल लगाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी रूस के राष्ट्रपति पुतिन को गीता भेंट कर सकते हैं तो“गीता के साथ एक गौ माता भी भेंट की जानी चाहिए।”उन्होंने प्रत्येक परिवार से आग्रह किया कि हर घर में गीता और गौ माता हो। धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और सांस्कृतिक पुनरुत्थान पर जोर वहीं अन्य प्रस्तावों में संत समाज को राष्ट्र निर्माण में औपचारिक मान्यता, धार्मिक स्थलों के मूल स्वरूप की पुनर्स्थापना, तीर्थ स्थलों एवं सांस्कृतिक धरोहरों की सुरक्षा, युवाओं के संस्कार निर्माण हेतु राष्ट्रीय अभियानजैसे मुद्दे शामिल थे। 2027 में योगी आदित्यनाथ को पीएम बनाने की मांग संसद का अंतिम और सबसे चर्चित प्रस्ताव रहा 2027 के आम चुनाव में योगी आदित्यनाथ को भारत का प्रधानमंत्री बनाया जाए। सभी प्रस्तावों को मंजूरी मिलने के बाद घोषणा की गई कि इन्हें औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा जाएगा। शुक्रतीर्थ में आयोजित यह धर्म संसद धार्मिक, सांस्कृतिक और वैचारिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।


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