मुरादाबाद के एक स्कूल में इंचार्ज की कुर्सी पर काबिज रहने के लिए एक शिक्षिका ने छात्राओं के साथ छेड़खानी की झूठी कहानी रच डाली। कुछ टीचर्स और पैरेंट्स के दस्तखत कराए और बीएसए को चिट्ठी भेज दी। इस चिट्ठी में आरोप लगाए गए कि, छेड़खानी से परेशान छात्राओं ने स्कूल जाना छोड़ दिया है। मामले की जांच हुई तो पता चला कि स्कूल की इंचार्ज नीलम ने ही शिक्षिकाओं की आपसी राजनीति में छात्राओं से छेड़खानी की झूठी शिकायत कराई थी। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि जांच के बाद संबंधित शिक्षिका को बीएसए द्वारा निलंबित कर दिया गया है।
पहले पढ़िए बीएसए को भेजी चिटठी में क्या लिखा था… मामला सिविल लाइंस क्षेत्र में तहसील सदर के पीछे स्थित मल्टीसेक्टोरियल कंपोजिट स्कूल सोनकपुर का है। 26 नवंबर को बीएसए मुरादाबाद को डाक से एक शिकायत मिली। इसमें प्रेषक की जगह लिखा था- समस्त कालोनीवासी कांशीराम नगर। एक महिला समेत दो लोगों के नाम भी लिखे थे। इस शिकायत में लिखा गया था कि कांशीराम कालोनी में संचालित मल्टीसेक्टोरियल स्कूल सोनकपुर मुरादाबाद नगर क्षेत्र में आता है। इस स्कूल में मुरादाबाद ग्रामीण से जूनियर हाईस्कूल भोला सिंह की मिलक को संचालित किया जाने लगा है। जबकि भोला सिंह की मिलक जूनियर हाईस्कूल को भोला सिंह की मिलक पंचायत घर से संचालित किया जा सकता था। शिकायत में कहा गया था कि जब से भोला सिंह की मिलक जूनियर हाईस्कूल मल्टीसेक्टोरियल स्कूल कांशीराम नगर में आया है तब से कांशीराम कालोनी की लड़कियां स्कूल जाने में घबराने लगी हैं। आरोप लगाया कि मिलक स्कूल के लड़के कालोनी की लड़कियों को बीच में ही रोककर उनके साथ छेड़खानी करते हैं। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि, जूनियर हाईस्कूल की अध्यापिका सर्वेश रानी से शिकायत करने पर वह अपने स्कूल के लड़कों का साथ देती हैं। इसके साथ ही पुलिस से पिटवाने की धमकी भी देती हैं। एक ही परिसर में दो-दो स्कूल लगने से बहुत अनियमितता भी छाई हुई है। मल्टीसेक्टोरियल स्कूल तीन कमरों में बैठे रहते हैं, क्योंकि ऊपर के सभी कमरे मिलक स्कूल ने घेर लिए हैं। प्रार्थना पत्र में भोला सिंह की मिलक स्कूल को वापस भेजने की मांग भी की गई थी। पुलिस-प्रशासनिक अफसर स्कूल की ओर दौड़े शिकायत गंभीर थी। लिहाजा जिला प्रशासन से लेकर पुलिस और शिक्षा विभाग तक सभी हरकत में आ गए। बीएसए ने तुरंत उच्चाधिकारियों को इस शिकायत के बारे में बताया। डीएम-एसएसपी के निर्देश पर पुलिस प्रशासनिक अफसरों ने आनन फानन स्कूल पहुंचकर पूरे मामले की पड़ताल की। जिन जगहों पर शोहदों के खड़े होने की बात कही गई थी वहां भी पुलिस पहुंची। विस्तार से पूरे मामले की जांच की गई। शिकायती पत्र पर जिस – जिस के दस्तखत थे, उनसे भी संपर्क किया गया। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जिलाधिकारी अनुज सिंह ने बीएसए विमलेश कुमार के साथ ही सिटी मजिस्ट्रेट विनय पांडेय को भी स्कूल भेजा। एसएसपी सतपाल अंतिल ने एसपी सिटी रण विजय सिंह, सीओ सिविल लाइंस और संबंधित थाने की पूरी फोर्स स्कूल भेज दी। जांच में पता चला, स्कूल इंचार्ज नीलम ने लिखाई थी चिट्ठी
जब इस मामले की जांच हुई तो कुछ और ही कहानी सामने आई। एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि पूरा मामला स्कूल में शिक्षिकाओं के बीच चल रही राजनीति का है। मल्टीसेक्टोरियल स्कूल की प्रभारी इंचार्ज नीलम भुइयार हैं। ये लंबे समय तक एआरपी भी रहीं। लेकिन अब इनका कार्यकाल खत्म होने के बाद ये स्कूल लौट चुकी हैं। एआरपी रहने के दौरान भी इन्होंने इंचार्ज का पद नहीं छोड़ा। जांच में अधिकारियों ने जब दस्तखत करने वाले लोगों से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने स्कूल की इंचार्ज नीलम भुइयार के कहने पर ही चिट्ठी पर दस्तखत किए थे। पुलिस प्रशासनिक और शिक्षा विभाग की जांच में छात्राओं से छेड़खान के आरोप साबित नहीं हुए हैं। बल्कि पता चला कि भोला सिंह की मिलक जूनियर हाईस्कूल को कैंपस से हटाने की मंशा से पूरी स्क्रिप्ट नीलम भुइयार ने ही तैयार की थी। सूत्रों का कहना है कि जांच में ये तथ्य सामने आने के बाद बीएसए विमलेश कुमार ने मल्टीसेक्टोरियल स्कूल सोनकपुर की इंचार्ज नीलम भुइयार को सस्पेंड कर दिया है। हालांकि बीएसए विमलेश कुमार ने कई बार कॉल करने के बाद भी फोन रिसीव नहीं किया। अलबत्ता एक पुलिस अधिकारी ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है।
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