बरेली में शिक्षा विभाग की आड़ में सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी करने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। यह गिरोह बेरोजगार युवाओं को फर्जी नियुक्ति पत्र देकर उनके साथ धोखाधड़ी करता था। शिकायत के अनुसार, जालसाज सरकारी गर्ल्स इंटर कॉलेज (जीजीआईसी) और सरकारी इंटर कॉलेज (जीआईसी) में संविदा भर्ती का हवाला देते थे। वे इंटरव्यू, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और जॉइनिंग लेटर तक की प्रक्रिया को आधिकारिक प्रारूप में अंजाम देते थे, जिससे युवा खुद को सरकारी कर्मचारी समझने लगते थे। जांच में सामने आया है कि आरोपी पहले दूर के या परिचित पारिवारिक रिश्तों के माध्यम से पीड़ितों का भरोसा जीतते थे। वे पहले परिवार के एक सदस्य को नौकरी का आश्वासन देते, फिर उसी के जरिए अन्य रिश्तेदारों तक पहुंचते थे। ठगी की रकम किस्तों में वसूली जाती थी, ताकि पीड़ितों को एक साथ बड़ा झटका न लगे। इसी तरह एक पीड़ित परिवार से करीब साढ़े तीन लाख रुपये ऐंठे गए। गिरोह हाईटेक तकनीक का इस्तेमाल करता था। लखनऊ के एक होटल को वेरिफिकेशन सेंटर बताकर वहां फर्जी इंटरव्यू आयोजित किए जाते थे। इसमें नकली हस्ताक्षर, निजी कंपनी के लेटरहेड पर बने कागजात और सरकारी मुहर की हूबहू नकल का इस्तेमाल किया जाता था। लैपटॉप और लेजर प्रिंटिंग की मदद से असली जैसे दिखने वाले नियुक्ति पत्र तैयार किए जाते थे। पीड़ित की शिकायत के बाद एसएसपी अनुराग आर्य के निर्देश पर सुभाषनगर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस का मानना है कि यह एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है, जो सरकारी सिस्टम का हवाला देकर बेरोजगारों को निशाना बनाता है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गिरोह में और भी लोग शामिल हो सकते हैं। पूरे नेटवर्क का खुलासा करने के लिए डिजिटल पेमेंट रिकॉर्ड, कॉल डिटेल और बरामद कागजातों की फॉरेंसिक जांच की जा रही है।
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