पीलीभीत में समाजवादी युवजन सभा (सयुस) के जिलाध्यक्ष हरगोविन्द गंगवार के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से राज्यपाल (कुलाधिपति) को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में आरोप लगाया कि शिक्षण संस्थानों में छात्र-छात्राओं को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का साहित्य जबरन वितरित करने और उनसे आर्थिक वसूली हो रही है। सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी और उसके मातृ संगठन आरएसएस द्वारा शैक्षणिक संस्थानों के माहौल को दूषित किया जा रहा है। सयुस अध्यक्ष हरगोविन्द गंगवार ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, जहां संविधान जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव की अनुमति नहीं देता। सयुस का दावा है कि शिक्षण संस्थानों में छात्र-छात्राओं का मानसिक और आर्थिक शोषण किया जा रहा है। आरोप है कि छात्रों के शैक्षणिक अभिलेखों (डॉक्यूमेंट्स) को रोकने का डर दिखाकर उन्हें जबरन आरएसएस का साहित्य खरीदने पर मजबूर किया जा रहा है। समाजवादी पार्टी के नेताओं ने महाविद्यालयों के प्राचार्य, शिक्षकों और लिपिकीय वर्ग पर सत्ता के दबाव में आकर इस साहित्य को बेचने में संलिप्त होने का आरोप लगाया है। ज्ञापन में कहा गया है कि यह कृत्य छात्रों की वैचारिक स्वतंत्रता पर हमला है और प्रदेश के सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश है। सयुस ने चेतावनी दी है कि यदि शिक्षण संस्थानों में आरएसएस के साहित्य का जबरन विक्रय और वैचारिक प्रदूषण तुरंत बंद नहीं किया गया, तो समाजवादी पार्टी और उसके सभी अनुषांगिक संगठन सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। इस दौरान बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता मौजूद थे, जिन्होंने इसे शिक्षा के भगवाकरण की कोशिश बताया।
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