मैनपुरी के सुल्तानगंज विकास खंड में शिक्षा विभाग से जुड़ा एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां एक शिक्षक ने 22 वर्षों तक दो अलग-अलग सरकारी संस्थानों में एक साथ नौकरी कर वेतन लिया। इतने लंबे समय तक इस अनियमितता का पता नहीं चल सका था। यह मामला विकास खंड भोगांव के मोहल्ला चौधरी निवासी विकास मिश्रा से संबंधित है। विकास मिश्रा ने वर्ष 2002 में बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति प्राप्त की थी। वर्तमान में वह सुल्तानगंज ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय मरहरी में कार्यरत हैं। आरोप है कि वर्ष 2003 में उन्होंने अकबरपुर महाविद्यालय, कानपुर देहात में प्रवक्ता पद पर भी नौकरी हासिल कर ली। नियमों के तहत, दूसरी सरकारी नौकरी मिलने पर उन्हें बेसिक शिक्षा विभाग से इस्तीफा देना अनिवार्य था। हालांकि, उन्होंने ऐसा नहीं किया और वर्ष 2003 से 2025 तक दोनों विभागों से लगातार वेतन प्राप्त करते रहे। यह सिलसिला पूरे 22 वर्षों तक जारी रहा। इस गंभीर अनियमितता की शिकायत वर्ष 2024 में सामने आई। इसके बाद उच्च शिक्षा विभाग ने मामले की जांच कराई। जांच में आरोप सही पाए जाने पर मई 2025 में विकास मिश्रा को अकबरपुर महाविद्यालय से प्रवक्ता पद से बर्खास्त कर दिया गया। अब बेसिक शिक्षा विभाग ने भी इस मामले में सख्त रुख अपनाया है। जिला चयन समिति की बैठक में विकास मिश्रा को सहायक अध्यापक पद से बर्खास्त करने की संस्तुति कर दी गई है। इस संबंध में अंतिम आदेश जल्द जारी होने की संभावना है। इस मामले पर बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) दीपिका गुप्ता ने बताया कि शिक्षक के दो स्थानों पर नौकरी करने की पुष्टि हो चुकी है। समिति की संस्तुति के बाद उन्हें शीघ्र ही बेसिक शिक्षा विभाग की नौकरी से बाहर कर दिया जाएगा।
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