गोंडा के वित्त एवं लेखा विभाग (बेसिक) में स्थायी वित्त एवं लेखा अधिकारी की तैनाती न होने के कारण जिले के हजारों शिक्षकों, रसोइयों और शिक्षामित्रों को अक्टूबर माह का वेतन अभी तक नहीं मिला है। जबकि शासन के निर्देशानुसार सभी शिक्षकों, कर्मचारियों और रसोइयों को 1 नवंबर को ही वेतन मिल जाना चाहिए था। ऐसे में लगातार शिक्षक संगठन विभिन्न तरीकों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।शिक्षकों की समस्याओं को देखते हुए तरबगंज से भाजपा विधायक प्रेम नारायण पांडेय ने भी वेतन भुगतान को लेकर गोंडा जिलाधिकारी को पत्र लिखा है। भाजपा विधायक ने डीएम से मांग की है कि शिक्षकों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्हें अक्टूबर माह का वेतन तत्काल भुगतान कराया जाए। साथ ही स्थायी वित्त एवं लेखा अधिकारी की तैनाती की जाए, ताकि भविष्य में शिक्षक, शिक्षामित्र और रसोइयों को वेतन मिलने में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े। विधायक ने पत्र में उल्लेख किया है कि जिले के हजारों शिक्षक वेतन न मिलने के कारण लगातार परेशान हैं। वर्तमान में प्रभारी वित्त एवं लेखा अधिकारी (बेसिक) गिरीश चंद्र, जिन्हें चार्ज दिया गया था, अनिश्चितकालीन अवकाश पर चले गए हैं। ऐसे में शिक्षक बेहद परेशान हैं और आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। किसी भी कर्मचारी का वेतन उसके जीवन का मुख्य आधार होता है। विधायक ने मांग की है कि सभी अध्यापकों को शीघ्र वेतन दिलाया जाए, ताकि उन्हें जीवन-यापन और विद्यालय जाकर बच्चों को शिक्षा देने में किसी प्रकार की कठिनाई न हो। इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने की भी आवश्यकता बताई गई है, ताकि शिक्षक भविष्य में सड़कों पर उतरकर विरोध करने को मजबूर न हों। तरबगंज से भाजपा विधायक प्रेम नारायण पांडेय ने बताया कि लगातार शिक्षक परेशान हैं। कई शिक्षकों ने उनसे मिलकर बताया कि गोंडा में लेखा अधिकारी न होने के कारण वेतन नहीं मिल पा रहा है और उनकी शिकायत कोई नहीं सुन रहा है। विधायक का कहना है कि इसी कारण उन्होंने डीएम को पत्र लिखा है। डीएम ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जल्द ही शिक्षकों को अक्टूबर माह का वेतन भुगतान कर दिया जाएगा और स्थायी लेखा अधिकारी की तैनाती को लेकर शासन को भी पत्र भेजा जा रहा है।
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