शाहजहांपुर में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने रविवार को भाजपा सांसद अरुण सागर को ज्ञापन सौंपा। उनकी मुख्य मांग 27 जुलाई 2011 से पहले नियुक्त शिक्षकों को अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की अनिवार्यता से मुक्त रखना है। शिक्षकों ने सांसद से अपनी बात प्रधानमंत्री तक पहुंचाने का आग्रह किया, जिस पर सांसद ने आश्वासन दिया। यह ज्ञापन उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष मुनीश कुमार मिश्रा और जिला मंत्री देवेश कुमार वाजपेयी के नेतृत्व में साउथ सिटी स्थित सांसद अरुण सागर के आवास पर दिया गया। ज्ञापन में 27 जुलाई 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्यता का विरोध किया गया। पदाधिकारियों ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने 1 सितंबर 2025 को एक निर्णय दिया था। इस निर्णय के अनुसार, 27 जुलाई 2011 से पहले नियुक्त शिक्षकों को सेवा में बने रहने या पदोन्नति के लिए दो वर्ष के भीतर टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य है। अन्यथा उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी। शिक्षकों ने इस प्रावधान को न्यायोचित नहीं बताया। उनकी मांग है कि भारत सरकार के अधीन 25 अगस्त 2010 और उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन 27 जुलाई 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को सेवारत रहने या पदोन्नति हेतु टीईटी उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता से मुक्त रखा जाए। सांसद अरुण सागर ने शिक्षकों को आश्वासन दिया कि वह उनकी मांग को प्रधानमंत्री तक पहुंचाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे इन मांगों को पूरा कराने के लिए प्रयास करेंगे और शाहजहांपुर के लोगों के साथ हैं। सांसद ने दोहराया कि वह लगातार लोकसभा में शाहजहांपुर की समस्याओं, चाहे वह रेलवे से संबंधित हों या विकास कार्यों की मांग, को उठाते रहे हैं।
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