शाहजहांपुर की बंडा उप मंडी के बाहर धान की तौल न होने से आक्रोशित किसानों ने देर रात जमकर हंगामा किया। किसानों का आरोप था कि उनकी धान से भरी ट्रॉलियां छह दिनों से खड़ी हैं, लेकिन अधिकारी तौल नहीं करा रहे हैं। हंगामे की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और जल्द तौल कराने का आश्वासन देकर स्थिति को शांत कराया। वहीं, मंडी के एएमओ राम कैलाश सोनकर ने दावा किया कि हंगामा करने वाले किसान नहीं बल्कि बिचौलिए थे। किसानों ने बताया कि वे पिछले छह से सात दिनों से धान की तौल का इंतजार कर रहे हैं। मंडी के बाहर दोनों ओर करीब 80-80 ट्रॉलियों की लंबी कतार लगी हुई है। किसानों का आरोप है कि अधिकारी मंडी के अंदर तौल कराने के बजाय बाहर लगाए गए क्रय केंद्रों पर तौल कराने की कोशिश कर रहे हैं। देर रात जब मंडी का गेट खुला और किसान अपनी ट्रॉलियां लेकर अंदर जाने लगे, तभी गेट बंद कर उन्हें बाहर निकाल दिया गया, जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया। भारी हंगामे की सूचना मिलने पर मंडी इंस्पेक्टर और बंडा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। उन्होंने किसानों को जल्द से जल्द धान की तौल कराने का आश्वासन दिया, जिसके बाद किसान शांत हुए और हंगामा समाप्त हुआ। बंडा के एएमओ रामकैशाल सोनकर ने बताया कि लगभग 160 ट्रॉलियां आई थीं। मंडी में जगह की कमी के कारण किसानों को उनके गांव के नजदीकी खरीद केंद्रों के टोकन दिए जा रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि हंगामा करने वालों में अधिकतर बिचौलिए थे। एएमओ के अनुसार, मंडी के अंदर 12 एजेंसी और 12 मार्केटिंग के खरीद केंद्र स्थापित हैं। सवाल ये उठ रहा है कि एएमओ बोल रहे हैं कि यहां पर बिचौलियों का राज है तो फिर उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नही कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को उनके नजदीकी क्रय केंद्र का टोकन दिया जा रहा है तो हंगामा करने वाले बिचौलिए कैसे हो गए।
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