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‘शादियों में लड़कियों-महिलाओं के नाचने गाने पर रोक लगे’:सहारनपुर में मौलाना कारी इशाक गोरा बोले- शादी को स्टेटस सिंबल बनाना गलत

“आजकल जब हम मदरसों और मस्जिदों के पास से गुजरते हैं। वहां से किसी मुस्लिम की बारात निकलते देखते हैं तो सोच में पड़ जाते हैं। उसमें दिखावे के लिए नाच गाने ढोल बाजे नजर आते हैं। लड़कियां और महिलाओं बेपर्दा होकर नाचते गाते हुए दिखती हैं। मैंने इस बारे में कुछ लोगों से बात की तो उन्होंने बताया ये आज का स्टेटस सिंबल है। ऐसा करना जरूरी है। मैं पूछना चाहता हूं कि ये कैसा स्टेटस सिंबल है? अगर आप नाच गाने को स्टेटस सिंबल समझते हैं तो आपने इस्लाम की ठीक से शिक्षा नहीं ली है। ऐसा करके कोई खुद को बहुत पढ़ा लिखा समझता है तो समझ लीजिए कि आप भटक गए हैं। आप शादी जैसी पवित्र चीज का मजाक उड़ा रहे हैं। लड़कियों-महिलाओं के नाचने गाने पर रोक लगनी चाहिए। मैं अल्लाह से कहूंगा कि वो आपको नेक रास्ते पर चलना सिखाएं।” ये बातें देवबंद के उलेमा और जमीयत दावतुल मुस्लिमीन के संरक्षक कारी इशाक गोरा ने कही। उन्होंने शनिवार को एक वीडियो जारी किया है। जिसमें मुसलमानों की शादी में नाचने और गाने पर सवाल उठाए हैं। गलत रस्मों पर रोक लगनी चाहिए
मौलाना कारी इसहाक गोरा ने कहा- मैं समाज के जिम्मेदार लोगों से अपील की कि इन गलत रस्मों पर रोक लगाने की कोशिश की जाए। शरीयत में संगीत, डांस और मेल-जोल को हराम करार दिया गया है। महिलाओं के लिए पर्दा और पुरुषों के लिए निगाह की हिफाजत अनिवार्य है। इस्लाम ने निकाह को आसान और बरकत वाला बनाया है, न कि बोझ और फिजूलखर्ची का जरिया। मुस्लिम समाज को कुरान और सुन्नत की तरफ लौटना चाहिए। मां, बहन और औलाद की कसम न खाए मुसलमान इससे पहले 6 दिसंबर को मौलाना ने वीडियो जारी कहा था-मुसलमान मां, बहन और औलाद की कसम जैसी बातें इतनी आसानी से बोल देते हैं, मानो यह कोई मजाक हो। कसम इबादत का हिस्सा है और इबादत सिर्फ अल्लाह के लिए होती है, लेकिन लोग आज किसी भी रिश्ते, व्यक्ति या पीर–फकीर के नाम पर कसम खाने लगे हैं। कारोबार के भी झूठ बोल रहे हैं। ये ठीक बात नहीं है। ऐसा करने गुनाह है। अल्लाह ऐसे लोगों को कभी भी माफ नहीं करेगा। ये इस्लाम के भी खिलाफ है। सिर्फ अल्लाह के लिए कसम खाए दूसरे के लिए नहीं मौलाना कारी इसहाक गोरा ने कहा- झूठ बोलकर हम लोगों का भरोसा खोने का काम कर रहे हैं। इससे इमानदारी भी खत्म होती जा रही है। लोग कसम को इतना हल्का ले चुके हैं कि बच्चे तक हर बात पर कसम खा रहे हैं, जबकि इस्लाम में बताया गया है कि जिसे कसम खानी हो, वह सिर्फ अल्लाह की कसम खाए, वरना चुप रहे। झूठ बोलने पर रोक लगनी चाहिए जब इंसान अल्लाह को भूला देता है, तभी वह किसी और के नाम पर कसम खाकर अपनी जुबान को नापाक करता है। मुस्लिम समाज से अपील है की कि वे अपने घरों में लोगों को इस्लाम की सही जानकारी दे। मुस्लिम समाज के लोगों में झूठ बोलने की खतरनाक आदत पड़ रही है। इस पर रोक लगनी चाहिए। बच्चे के रोने या जिद करने पर मोबाइल देना खतरनाक इससे पहले 3 दिसंबर को उन्होंने एक वीडियो सामने आया था। जिसमें उन्होंने कहा – आजकल माता-पिता बच्चे के रोने या जिद करने पर उसे चुप कराने के लिए मोबाइल फोन दे देते हैं। यह तरीका तात्कालिक रूप से आसान लग सकता है, लेकिन लंबे समय में यह बच्चे के मानसिक विकास और आदतों के लिए हानिकारक साबित होता है। अल्लाह का नाम डराने के लिए न लें कई माताएं बच्चे को चुप कराने के लिए कहती हैं, चुप हो जा,अल्लाह की रहमत पकड़ लेगी। ये सोच गलत है। अल्लाह की रहमत डराने के लिए नहीं, बल्कि सहारा देने के लिए है। रहमत से डर पैदा करने से बच्चे के मन में धर्म के प्रति नफरत भी पैदा हो सकती है। ——————– ये खबर भी पढ़ें…. क्रिकेटर वैभव समेत 20 बच्चों को बाल पुरस्कार:PM मोदी बोले- जेन Z और जेन अल्फा हमें विकसित भारत के लक्ष्य तक ले जाएंगे वीर बाल दिवस पर शुक्रवार को 20 बच्चों को ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। यह अवॉर्ड राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिए। अलग-अलग क्षेत्र में बेहतरीन और बहादुरी के कामों की वजह से इन बच्चों को 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से चुना गया। पढे़ं पूरी खबर…


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