राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक और पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के संपर्क प्रमुख आनंद कुमार के निधन से संघ परिवार और शहर में शोक की लहर है। संघ से जुड़े लोगों का कहना है कि आनंद कुमार का जाना संगठन के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने करीब 45 वर्षों तक अपना जीवन संघ कार्यों को समर्पित किया। आनंद कुमार का परिवार आगरा की नॉर्थ विजय नगर कॉलोनी में रहता है। उनके पिता बसंत लाल अग्रवाल नौकरीपेशा थे। परिवार में चार भाई थे, जिनमें आनंद कुमार सबसे छोटे थे। सबसे बड़े भाई बाल किशन अग्रवाल का कोरोना काल में निधन हो चुका है। उनसे छोटे श्रीकृष्ण अग्रवाल की फाउंड्री नगर में डीजल इंजन के पार्ट्स बनाने की फैक्ट्री है, जबकि तीसरे नंबर के भाई डॉ. अनिल अग्रवाल की पैथोलॉजी लैब है। 45 साल पहले संघ से जुड़े थे
परिजनों के अनुसार आनंद कुमार लगभग 45 साल पहले संघ से जुड़े थे। उन्होंने शुरुआत विजय नगर कॉलोनी की शाखा से की थी। बाद में वे अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अधीश भटनागर के सानिध्य में आए और लगातार सेवा कार्यों में लगे रहे। संघ कार्यों के कारण वे बहुत कम समय के लिए ही घर आ पाते थे। परिवार के लोगों ने बताया कि आनंद कुमार ने सीए जैसी प्रोफेशनल पढ़ाई की बजाय संघ कार्य को चुना और जीवनभर उसी मार्ग पर चलते रहे। वे शाखाओं और संगठन के विभिन्न कार्यक्रमों में सक्रिय भूमिका निभाते थे। दो दिन पहले आनंद कुमार सहारनपुर गए थे, जहां सात दिवसीय बौद्धिक शिविर का आयोजन चल रहा है। सोमवार को वे वहां गणवेश के जूते लेने गए थे। इसी दौरान अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। संघ के प्रांत सह प्रचार प्रमुख मनमोहन निरंकारी ने कहा कि आनंद कुमार जो भी उनके संपर्क में आता था, वह उनका होकर रह जाता था। उन्होंने संघ के कार्यों को नई गति दी और पूरी निष्ठा के साथ जीवनभर संगठन की सेवा की।
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