स्वर्गीय शम्भू नाथ पाण्डेय की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में एक स्मृति संध्या का आयोजित किया गया।यह आयोजन आलमबाग स्थित गौरांग वाटिका में मंगलवार को किया गया।इस अवसर पर उनके काव्य संग्रह ‘साथ चलते चलते’ का विमोचन भी हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने दीप प्रज्वलित कर किया। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने अपने संबोधन में शम्भू नाथ पाण्डेय के व्यक्तित्व और कृतित्व को स्मरण करते हुए उन्हें एक प्रेरणादायी व्यक्तित्व बताया। उन्होंने कहा कि शम्भू नाथ पाण्डेय जैसे साहित्यकार और समाजसेवी समाज की अमूल्य धरोहर थे। पाठक ने कहा कि पाण्डेय ने साहित्य, सामाजिक सरोकार और मानवीय मूल्यों को पूरी निष्ठा के साथ आत्मसात किया था। उनका सादगीपूर्ण जीवन नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। काव्य संग्रह उनके अनुभवों का जीवंत दस्तावेज उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि काव्य संग्रह ‘साथ चलते चलते’ शम्भू नाथ पाण्डेय के विचारों, भावनाओं और अनुभवों का जीवंत दस्तावेज है, जो पाठकों को जीवन के गहरे अर्थों से जोड़ता है। कार्यक्रम में वक्ता सुरेन्द्र नाथ ने पाण्डेय के जीवन को सादगी, संघर्ष और समर्पण का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि पाण्डेय जी ने परिवार के साथ-साथ समाज के हित में भी सदैव सकारात्मक सोच के साथ कार्य किया। इस्कॉन के अध्यक्ष अपरिमेय दास ने अध्यात्म पर चर्चा करते हुए कहा कि शम्भू नाथ पाण्डेय ने अपने जीवन में सादगी अपनाई और सदैव प्रभु स्मरण में लीन रहे। उन्होंने कहा कि पाण्डेय जी आज भी हमारे हृदयों में जीवित हैं। वीरेन्द्र कुमार पाण्डेय ने अपने संबोधन में कहा कि ‘साथ चलते चलते’ केवल एक काव्य संग्रह नहीं, बल्कि जीवन के अनुभवों, भावनाओं और रिश्तों का चित्रण है। साहित्य को अपने जीवन व्यवहार में उतारा था डॉ. गौरांग पाण्डेय ने बताया कि शम्भू नाथ पाण्डेय ने साहित्य को केवल लेखन तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे अपने जीवन व्यवहार में उतारा था । उन्होंने सभी अतिथियों और साहित्य प्रेमियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस स्मृति संध्या में साहित्यकारों, बुद्धिजीवियों और नगर के गणमान्य नागरिकों की बड़ी संख्या उपस्थित रही। काव्य पाठ और स्मृतियों के आदान-प्रदान के साथ यह कार्यक्रम भावनात्मक वातावरण में संपन्न हुआ।
https://ift.tt/nAztwZE
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply