उत्तर प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) कार्य में कथित गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। मंगलवार को कौशांबी में कांग्रेस जिलाध्यक्ष गौरव पांडेय के नेतृत्व में एक पत्रकार वार्ता आयोजित की गई। इसमें पूर्व चायल विधायक विजय प्रकाश और कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के पूर्व राष्ट्रीय सचिव हंजला उस्मानी भी मौजूद थे। पत्रकार वार्ता के दौरान पूर्व विधायक विजय प्रकाश ने आरोप लगाया कि सरकार के दबाव में बिना तैयारी के BLO (बूथ लेवल अधिकारी) को SIR कार्य में लगाया गया है। उन्होंने कहा कि इसका परिणाम यह है कि प्रदेश में SIR कार्य में लगे BLO आत्महत्या कर रहे हैं। साथ ही, ड्यूटी पर तैनात BLO सरकार के दबाव में दलित, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समाज के लोगों के नाम मतदाता सूची से काट रहे हैं। अल्पसंख्यक विभाग के पूर्व राष्ट्रीय सचिव हंजला उस्मानी ने दावा किया कि मौजूदा भाजपा सरकार SIR के माध्यम से मध्य प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में भी ऐसा ही ‘खेल’ कर चुकी है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में SIR से जनता भयभीत है और मुख्यमंत्री बुलडोजर से लोगों को डरा रहे हैं। उस्मानी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग की मंशा है कि प्रदेश में केवल भाजपा के ही मतदाता बचें। जिलाध्यक्ष गौरव पांडेय ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि जनपद में BLO अभी तक सभी जगहों पर नहीं पहुंच रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि BLO द्वारा दी जा रही पर्चियों में पूरे परिवार के सदस्यों के नाम नहीं होते हैं। पांडेय ने कहा कि SIR कार्य में लगे BLO लोगों की मदद करने के बजाय उनकी परेशानी बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कौशांबी के सिराथू तहसील के चमरूपुर गांव का उदाहरण देते हुए कहा कि इस गांव के लगभग 1900 मतदाताओं को ‘सी’ श्रेणी में डाल दिया गया है। उन्होंने इसका कारण यह बताया कि यह गांव भाजपा की भरवारी नगर पालिका अध्यक्ष कविता पासी का है, जहां से वह खुद चुनाव हार गई थीं, जिसके भय से उन्होंने 1900 लोगों के नाम ‘सी’ श्रेणी में डलवा दिए।
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