वीर बाल दिवस के अवसर पर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के अटल सभागार में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत वीर साहबजादों-बाबा जोरावर सिंह (9 वर्ष) और बाबा फतेह सिंह (7 वर्ष)-के जीवन, साहस और बलिदान पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्म के लाइव प्रदर्शन से हुई। फिल्म देखते समय सभागार में मौजूद लोग भावुक हो उठे और गर्व के साथ वीर बालकों के साहस को नमन किया। डॉक्यूमेंट्री के बाद आयोजित संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि इतिहास में वीर साहबजादों का बलिदान धर्म, सत्य और आत्मसम्मान की रक्षा का अमर उदाहरण है। दीवार में जिंदा चिनवाने की गाथा सुनाई
संयुक्त पंजाबी संघ के अध्यक्ष मनमोहन सिंह आहूजा ने बताया कि किस तरह मुगल हुकूमत द्वारा साहबजादों से नमस्कार करने और धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया गया, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। इसके बाद उन्हें दीवार में जिंदा चिनवा दिया गया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस घोषित कर देश ने इन बाल वीरों को सच्ची श्रद्धांजलि दी है। चारों साहबजादों की शहादत का किया स्मरण
महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने गुरु गोबिंद सिंह के चारों साहबजादों की वीरता का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने इस्लाम स्वीकार न कर धर्म की रक्षा के लिए शहादत दी। उन्होंने गुरु नानक देव से लेकर गुरु गोबिंद सिंह तक सभी दस गुरुओं को नमन किया और कहा कि गुरु तेग बहादुर ने भी धर्म रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि सिख समाज का भारतवर्ष के निर्माण में अतुलनीय योगदान रहा है। दिसंबर का चौथा सप्ताह पीड़ादायक और प्रेरणादायक
पूर्व सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि दिसंबर का चौथा सप्ताह सिख इतिहास में अत्यंत पीड़ादायक लेकिन उतना ही प्रेरणादायक है। 21 से 27 दिसंबर के बीच गुरु गोबिंद सिंह के चारों साहबजादों की शहादत और 27 दिसंबर को माता गुजरी जी के देह त्याग की घटनाएं हमें धर्म और साहस का संदेश देती हैं। नई पीढ़ी तक पहुंचनी चाहिए गाथा
वक्ताओं ने कहा कि वीर साहबजादों के बलिदान की कहानी घर-घर और समाज के हर वर्ग तक पहुंचाना समय की जरूरत है, ताकि नई पीढ़ी इससे प्रेरणा ले सके। महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तोगी ने प्रभात फेरियों में अधिक से अधिक सहभागिता की अपील की। कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। आयोजन को सफल बनाने में संयोजक बीना वाधवा, सह-संयोजक जसप्रीत कपूर और समन्वयक रवीश अग्रवाल की अहम भूमिका रही। इस अवसर पर कैंट विधायक अमित अग्रवाल, महापौर हरिकांत अहलूवालिया, पूर्व सांसद राजेंद्र अग्रवाल, वरिष्ठ नेता जयकरण गुप्ता, पूर्व महानगर अध्यक्ष चरण सिंह लिसाड़ी, अंजू वॉरियर, राखी त्यागी, मीडिया प्रभारी अमित शर्मा, विनय पाराशर, डॉ. जे.वी. चिकारा, सीमा श्रीवास्तव, नूपुर जौहरी, सुनीता सैनी सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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