मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के छात्र आदेश प्रधान को विश्वविद्यालय प्रशासन ने अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। विश्वविद्यालय का कहना है कि आदेश प्रधान कुलपति सहित विश्वविद्यालय प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहे हैं। इस तरह की गतिविधियां विश्वविद्यालय की छवि को प्रभावित कर रही हैं, जिस कारण यह कार्रवाई की गई है। अगर मैं गलत तो मानहानि का हो मुकदमा आदेश प्रधान ने बताया कि आज तक जितने आरोप मैने विश्विद्यालय या उससे संबंधित लोगों पर लगाए हैं मेरे पास उन सभी के सबूत है। अगर किसी को भी ऐसा लगता है कि मेरे द्वारा लगाया गया कोई आरोप गलत है तो वह मेरे ऊपर मानहानि का मुकदमा करने के लिए स्वतंत्र है। छात्रों की आवाज दबाने की कोशिश उन्होंने कहा कि कुलपति का तानाशाह रवैया इस बात का प्रमाण है कि अगर कोई भी छात्र प्रतिनिधि विश्विद्यालय में हो रहे भ्रष्टाचारों को उजागर करने की कोशिश करेगा तो उसकी आवाज को इसी प्रकार दबा दिया जाएगा। आदेश ने कहा कि इस प्रकार छात्रों के शोषण को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। विश्विद्यालय के छात्र जल्द ही इस रवैये के खिलाफ एकजुट होकर आंदोलन करेंगे। बिना शिकायत क्यों चेक की गई मेरी कॉपी आदेश प्रधान ने बताया कि बिना किसी शिकायत के किसी भी छात्र की उत्तर पुस्तिका को दोबारा चेक करना गलत है। इसके बाद भी मेरे विभाग अध्यक्ष को दबाव में लेकर कुलपति, रजिस्ट्रार और दो अन्य लोगों के सामने मेरी आंतरिक परीक्षा की कॉपी विभाग से मंगवाकर चेक की गई। जिसका सबूत कुलपति कार्यालय में लगे सीसीटीवी में सुरक्षित है।
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