लखनऊ सीतापुर रोड योजना कॉलोनी स्थित श्रीरामलीला पार्क में विश्वनाथ मंदिर के 34वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का सातवां दिन बुधवार को भक्तिभाव और आध्यात्मिक उल्लास से परिपूर्ण रहा। कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। कथाव्यास आचार्य पं. गोविंद मिश्रा ने भगवान श्रीकृष्ण और माता रुक्मिणी के विवाह का पावन प्रसंग सुनाया। उन्होंने रुक्मिणी हरण, श्रीकृष्ण की दिव्य करुणा और आदर्श गृहस्थ जीवन के संदेश पर प्रकाश डाला। पं. मिश्रा ने कहा कि पति की सेवा, विश्वास और वचनों का पालन ही स्त्री धर्म की सर्वोच्च शिक्षा है। तुलसी और शालिग्राम भगवान का विशेष पूजन किया इस दौरान विवाह उत्सव धूमधाम से मनाया गया। भक्तों ने तुलसी और शालिग्राम भगवान का विशेष पूजन किया, जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया। पारंपरिक वेशभूषा में सजी महिलाएँ नृत्य करती दिखाई दीं, जिससे पूरे परिसर में उत्सव का अलौकिक माहौल बन गया।पं. गोविंद मिश्रा ने भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गिरिराज पर्वत उठाने का चमत्कारिक प्रसंग भी सुनाया। उन्होंने बताया कि यह घटना केवल शक्ति का प्रतीक नहीं, बल्कि भक्तों की रक्षा और उन पर भरोसे का संदेश देती है। समापन में भंडारे के साथ कथा का आयोजन शाम को वृंदावन से आए कलाकारों ने प्रभु श्रीराम विवाह का भव्य मंचन प्रस्तुत किया। जनकपुर की सजावट, बारात का प्रस्थान और भव्य स्वागत ने दर्शकों को त्रेतायुग का अनुभव कराया। भक्तों ने पुष्पवर्षा कर और नृत्य करते हुए बारात का स्वागत किया।इस अवसर पर सुधीर बोरा, जीतेश श्रीवास्तव, डॉ. एस.के गोपाल सहित बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित रहे। महिला सत्संग मंडल की अध्यक्षा कमलेश दुबे ने बताया कि गुरुवार को हवन, पूर्णाहुति और विशाल भंडारे के साथ कथा और रासलीला का समापन होगा।
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