शोहरतगढ़ विधानसभा से जुड़ा एक विवाद अब स्थानीय स्तर से निकलकर उत्तर प्रदेश विधानसभा और दिल्ली तक पहुंच गया है। अपना दल (एस) के विधायक विनय वर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से शिकायत करते हुए आरोप लगाया है कि उन्हें एक नेपाली नागरिक से जान का खतरा है। इस मुद्दे को उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा में भी प्रमुखता से उठाया। पूरा मामला गांधी आदर्श विद्यालय इंटर कॉलेज में कथित अवैध फीस वसूली की शिकायत से शुरू हुआ। भाजपा के एक कार्यक्रम के दौरान विधायक विनय वर्मा कॉलेज पहुंचे थे, जहां छात्रों और अभिभावकों ने उन्हें घेरकर कॉलेज प्रबंधन पर अवैध वसूली के आरोप लगाए। विधायक के निर्देश पर जिलाधिकारी के हस्तक्षेप से जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा जांच कराई गई। जांच में कई अनियमितताएं सामने आईं, जिसके बाद विद्यालय प्रबंधन और प्रधानाध्यापक को दोषी मानते हुए कार्रवाई की संस्तुति की गई। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद मामला अचानक पलट गया। विद्यालय प्रबंधन ने विधायक विनय वर्मा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उनकी विधायक निधि की जांच की शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय में कर दी। इसके बाद बस्ती मंडल के आयुक्त की संस्तुति पर संयुक्त विकास आयुक्त द्वारा विधायक निधि की जांच के आदेश जारी कर दिए गए। इस घटनाक्रम से आहत विधायक विनय वर्मा ने पूरे मामले को साजिश करार दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर विद्यालय के प्रबंधक कुणाल प्रताप शाह की नागरिकता पर सवाल उठाए। विधायक का आरोप है कि विद्यालय का प्रबंधक नेपाली नागरिक है और अधिकारियों से सांठगांठ कर अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर रहा है। मामले ने तब और गंभीर रूप ले लिया, जब विधायक विनय वर्मा ने इस मुद्दे को उत्तर प्रदेश विधानसभा में उठाया। सदन में बोलते हुए उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उन्हें एक नेपाली नागरिक से जान का खतरा है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि वर्ष 2022 से पीडब्ल्यूडी, सिंचाई विभाग और नगर पंचायत से जुड़े मामलों में जांच की मांग करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन विद्यालय में अवैध फीस वसूली का मुद्दा उठाते ही उनकी विधायक निधि की जांच बैठा दी गई। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा प्रमाण प्रस्तुत करने को कहे जाने पर विधायक ने कहा कि पूरा मामला प्रमाणित है और वे जांच से डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि विधायक निधि की पांच साल की जांच करा ली जाए, उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। विधायक ने सदन में यह भी कहा कि कोई भारतीय नागरिक तो जांच की मांग कर सकता है, लेकिन नेपाल में बैठा कोई नेपाली नागरिक किसी भारतीय विधायक की जांच कैसे करवा सकता है। विधायक ने इस पूरे प्रकरण को गंभीर साजिश बताते हुए उच्चस्तरीय जांच और अपनी सुरक्षा की मांग दोहराई है। फिलहाल, शोहरतगढ़ से जुड़ा यह मामला राजनीतिक और प्रशासनिक दोनों स्तरों पर हलचल मचा रहा है। विधानसभा में दिए गए बयान के बाद प्रकरण और संवेदनशील हो गया है, अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है।
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