उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र के दौरान जौनपुर की विधायक डॉ. रागिनी सोनकर ने वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय (पूविवि) सहित प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों के शिक्षकों की मांगों को सदन के पटल पर रखा। उन्होंने अतारांकित प्रश्न के माध्यम से शिक्षकों के चिकित्सा अवकाश और सेवा शर्तों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित किया। पूविवि समेत प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और संबद्ध महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों ने हाल ही में विधायक डॉ. रागिनी सोनकर से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने चिकित्सा अवकाश, सेवा शर्तों में स्पष्टता और प्रशासनिक प्रक्रियाओं से संबंधित कठिनाइयों को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त की थीं। शिक्षकों की इन्हीं मांगों को आधार बनाते हुए डॉ. सोनकर ने सरकार से लिखित उत्तर के माध्यम से स्थिति स्पष्ट करने और इन समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करने की मांग की। शिक्षकों का मानना है कि अतारांकित प्रश्न के जरिए विषय उठाने से न केवल तथ्यों के साथ स्थिति सामने आती है, बल्कि विभागीय स्तर पर स्थायी निर्णय की संभावना भी बनती है। पूविवि के शिक्षकों ने डॉ. रागिनी के इस प्रयास का स्वागत करते हुए कहा कि उन्होंने शिक्षकों की आवाज़ को सही मंच पर मजबूती से रखा है। विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने कहा, “हमारी समस्याएं लंबे समय से लंबित थीं। डॉ. रागिनी सोनकर ने उन्हें विधानसभा तक पहुंचाकर शिक्षकों के हितों के प्रति अपनी संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता साबित की है।” वहीं, डॉ. रागिनी सोनकर ने कहा कि शिक्षक और शिक्षा व्यवस्था समाज की रीढ़ हैं, और उनकी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर होना चाहिए। उन्होंने आश्वस्त किया कि वे भविष्य में भी पूविवि सहित प्रदेश के अन्य शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े मुद्दों को पूरी मजबूती से उठाती रहेंगी। डॉ. सोनकर की इस पहल से शिक्षकों में भरोसा जगा है और उच्च शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में सकारात्मक संदेश गया है।
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