देवरिया में उत्तर प्रदेश विधान परिषद की संसदीय अध्ययन समिति ने शनिवार को विकास भवन स्थित गांधी सभागार में विभिन्न विभागों की योजनाओं और जनप्रतिनिधियों से प्राप्त आवेदनों के निस्तारण की समीक्षा की। समिति के सभापति किरण पाल कश्यप ने सदस्यों के पत्रावलियों को सूचीबद्ध न किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने इसे एक माह के भीतर ठीक करने का निर्देश दिया। बैठक की शुरुआत में जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने सभापति कश्यप का पुष्पगुच्छ और स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया। अधिकारियों के परिचय के बाद वर्ष 2022 से 2025 की अवधि में जनप्रतिनिधियों द्वारा भेजे गए पत्रों और विभागों द्वारा उन पर की गई कार्रवाई की व्यापक समीक्षा की गई। सभापति कश्यप ने कुछ विभागों द्वारा जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर की गई कार्रवाई की जानकारी समय पर न देने पर विशेष नाराजगी जताई। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिया कि वे एक माह के भीतर पत्रावलियों को सूचीबद्ध कर संबंधित जनप्रतिनिधियों को जानकारी उपलब्ध कराएं। समिति ने पुलिस, राजस्व, स्वास्थ्य, पंचायती राज, सिंचाई, बेसिक शिक्षा, विद्युत, कृषि, पूर्ति, समाज कल्याण, पशुपालन और चकबंदी विभागों से प्राप्त आवेदनों की निस्तारण स्थिति पर विस्तृत चर्चा की। विद्युत विभाग को बिजली बिल में छूट संबंधी सरकारी योजना का लाउडस्पीकर के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए। समाज कल्याण विभाग से एससी और एसटी छात्रवृत्ति की प्रगति रिपोर्ट मांगी गई। समीक्षा के दौरान अधिकांश विभागों के अधिकांश आवेदन निस्तारित पाए गए, हालांकि कुछ विभागों को अधूरी जानकारी के लिए तत्काल सुधार के निर्देश दिए गए। सभापति कश्यप ने स्पष्ट किया कि सभी विभाग आवेदन और शिकायतों का निस्तारण निर्धारित समय सीमा में सुनिश्चित करें और प्रगति रिपोर्ट नियमित रूप से समिति को उपलब्ध कराएं। उन्होंने अगली बैठक में सभी विभागों को पूरी तैयारी के साथ उपस्थित रहने को कहा। जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने समिति को आश्वस्त किया कि दिए गए सभी निर्देशों का अक्षरशः पालन कराया जाएगा। बैठक में समिति सदस्य हंसराज विश्वकर्मा, पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन, मुख्य विकास अधिकारी प्रत्यूष पांडेय, अनु सचिव विनोद कुमार यादव सहित सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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