बलरामपुर के मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रवि शंकर सिंह ने विकसित उत्तर प्रदेश और 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को साकार करने में व्यापारियों की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के समग्र विकास की ठोस संरचना व्यापारियों की सक्रियता, सुझाव और सहयोग से ही तैयार की जा सकती है। कुलपति प्रो. सिंह ‘विकसित भारत और विकसित उत्तर प्रदेश’ विषय पर आयोजित एक संगोष्ठी में बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय का उद्देश्य उद्योग, व्यापार और शिक्षा के बीच सेतु स्थापित कर युवाओं को रोजगारपरक और कौशल आधारित शिक्षा प्रदान करना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में व्यापारियों के अनुभव और सुझाव महत्वपूर्ण मार्गदर्शक सिद्ध होंगे। संगोष्ठी में उपस्थित प्रतिष्ठित व्यापारियों के साथ शिक्षा के क्षेत्र में नए मानक विकसित करने पर चर्चा हुई। इसका उद्देश्य युवाओं के कौशल में वृद्धि करना और बलरामपुर को व्यवसायिक रूप से अग्रणी जनपद के रूप में स्थापित करना है। शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार, मानव संसाधन के पलायन को रोकना और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी विचार-विमर्श किया गया। बैठक के दौरान फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने, मोटे अनाजों के उत्पादन एवं संरक्षण, तथा आम के उत्पादन, प्रोसेसिंग और निर्यात की संभावनाओं पर भी विस्तृत चर्चा हुई। व्यापारियों ने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय इन क्षेत्रों से संबंधित विशेष पाठ्यक्रम शुरू करे, जिससे स्थानीय युवाओं को सीधा लाभ मिल सके। जनपद को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने हेतु कम्युनिटी रेडियो, आर्किटेक्चर और रेडियो जॉकी जैसे नवाचारों पर भी विचार प्रस्तुत किए गए। व्यापारियों ने रोजगारपरक शिक्षा पर विशेष बल देते हुए विश्वविद्यालय से स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार करने का आग्रह किया। इस अवसर पर जिला उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष रमेश पहवा, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार परमानंद सिंह, नगर अध्यक्ष संजय शर्मा, भगवतीगंज उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष ताराचंद्र अग्रवाल और विजय अग्रवाल सहित कई प्रतिष्ठित व्यवसायी उपस्थित थे। सभी ने जनपद के विकास में विश्वविद्यालय की भूमिका की सराहना की और अपने महत्वपूर्ण सुझाव साझा किए।
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