बागपत जनपद की बड़ौत तहसील के ग्राम टांडा में वाल्मीकि समाज की पुश्तैनी भूमि को मुस्लिम वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज किए जाने पर एक गंभीर विवाद सामने आया है। वाल्मीकि समाज के लोगों ने जिलाधिकारी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने इस पर कड़ा विरोध जताया है। शिकायतकर्ताओं के अनुसार, खसरा संख्या 292, जिसका रकबा 3260 वर्ग मीटर है, पूर्व ग्राम सभा द्वारा उनके पूर्वजों को वाल्मीकि कब्रिस्तान के लिए दी गई थी। वर्षों से इस भूमि पर उनके पूर्वजों का अंतिम संस्कार होता रहा है और बाद में यहीं वाल्मीकि मंदिर का निर्माण भी किया गया। उनके पूर्वज आज भी इसी भूमि में दफन हैं। वाल्मीकि समाज का आरोप है कि यह भूमि राजस्व अभिलेखों में त्रुटिवश मुस्लिम वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज हो गई है, जिसे तत्काल ठीक करने की आवश्यकता है। इसी के पास स्थित खसरा संख्या 351/2, जो पीडब्ल्यूडी के नाम दर्ज है, में गहरे गड्ढे होने से हादसों की आशंका बनी हुई है, जिसे ग्राम प्रधान द्वारा कूड़ा भरकर समतल किया जा रहा है। ग्रामीणों ने गांव के शमशाद उर्फ निन्ना पर इस भूमि को वक्फ संपत्ति बताते हुए इस पर कब्जा करने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। वाल्मीकि समाज के लोगों का कहना है कि उन्हें धमकियां दी जा रही हैं और गांव से बाहर निकालने की चेतावनी भी मिली है, जिससे वे भयभीत हैं। हालांकि, शमशाद उर्फ निन्ना ने इन आरोपों को निराधार बताया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
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