वाराणसी में स्नातक और शिक्षक निर्वाचन की सूची जारी होते ही बड़ी संख्या में आवेदकों के नाम कट गए हैं। इस मतदाता सूची में बनारस के एमएलसी आशुतोष सिन्हा और उनके परिवार का नाम कटने से हड़कंप मच गया है। एमएलसी ने वोटर लिस्ट में नाम नहीं होने को भाजपा और सरकार की साजिश बताया। सपा जिलाध्यक्ष समेत कई नेताओं के साथ डीएम और कमिश्नर से मुलाकात कर नाम सूची में नहीं होने पर आपत्ति जताई। अफसरों को बताया कि उन्होंने परिवार के साथ मिलकर फॉर्म भरा था लेकिन सूची आने पर पूरे परिवार का नाम नहीं है। आरोप लगाया कि चुनावी साजिश और सपा प्रत्याशी होने के चलते उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है। हालांकि अफसरों ने फिलहाल सूची में संशोधन का आश्वासन दिया है। यही नहीं कई अन्य प्रमुख नेताओं का भी नाम मतदाता सूची में नहीं है। शुक्रवार सुबह डीएम कार्यालय पहुंचे एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने बताया कि वे वर्तमान में स्नातक एमएलसी हैं और सपा से स्नातक एमएलसी चुनाव 2026 के लिए प्रत्याशी भी हैं। उन्होंने अपना खुद का फार्म भरकर दस्तावेज के साथ जमा किया था। इसके अलावा उनकी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों के फार्म भी जमा किए थे। जब स्नातक और शिक्षक निर्वाचन की मतदाता सूची प्रकाशित हुई तो उनका नाम नहीं था। पहले उन्हें लगा कि शायद किसी कारण से होगा लेकिन निर्वाचन आयोग की साइट खंगाली तो उनका नाम ही सूची में नहीं था। अफसरों पर कार्रवाई की मांग स्नातक एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने बताया कि पिछले चुनाव में वोटर थे तभी तो प्रत्याशी बने और अब उनका नाम वोटर लिस्ट से काट दिया गया है। आरोप है कि किसी षड्यंत्र के तहत नाम हटाया गया है। वोट कटने का पता चला तो उन्होंने डीएम से मिलकर आपत्ति जताई। मेरा व मेरे परिवार के सदस्यों का नाम भी मतदाता सूची में सम्मिलित नहीं किया गया है जबकि मेरे पास फार्म का रिसीविंग है। जिसको जिला निर्वाचन अधिकारी वाराणसी को देकर अभिलंब इसकी जांच करा कर दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। स्नातक मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर धांधली करते हुए गैर भाजपा दलों के वोटो को सम्मिलित नहीं किया गया है यह सीधे-सीधे लोकतंत्र की हत्या है । वाराणसी आज प्रातः 11 बजे समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी वाराणसी से मिलकर स्नातक एमएलसी मतदाता सूची एवं एस आई आर में धांधली पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। समाजवादी पार्टी द्वारा बड़े पैमाने पर स्नातक मतदाता सूची में मतदाताओं के फॉर्म भरकर जमा किए गए थे। पिछले 3 दिसंबर को मतदाता सूची का प्रकाशन हुआ जिसका अध्ययन करने के बाद पता चला कि समाजवादी पार्टी के मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर सम्मिलित नहीं किया गया है। भाजपा के इशारे पर काटे जा रहे वोट- सपा जिलाध्यक्ष सपा जिलाध्यक्ष सुजीत यादव लक्कड़ ने कहा कि वाराणसी जिला प्रशासन जिस तरह से भाजपा के इशारे पर कार्य कर रहा है घोर निंदनीय है। खुद स्नातक एमएलसी का एवं उनके परिवार का वोट मतदाता सूची में सम्मिलित नहीं किया जाना निंदनीय है। एसआईआर के नाम पर समाजवादी पार्टी के समर्थक वोटरों का नाम सी कैटेगरी में डालना और एस ए आर के अंतर्गत जमा फॉर्म की संख्या विधानसभा वार्ड फॉर्म की संख्या मांगने पर जिला प्रशासन द्वारा टालमटोल किया जाना इससे प्रतीत होता है कि सारी धांधली भाजपा सरकार के इशारे किया जा रहा है। जिला निर्वाचन अधिकारी वाराणसी द्वारा एक हफ्ते में इन त्रुटियों को सही करने का आश्वासन दिया गया है। यदि 7 दिन के भीतर इन अनियमितताओं को दूर नहीं किया गया तो समाजवादी पार्टी सड़कों पर आंदोलन के लिए बाध्य होगी इसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। इन लोगों ने जताया विरोध इस दौरान जिलाध्यक्ष सुजीत यादव लक्कड़, स्नातक एमएलसी श्री आशुतोष सिंहा, प्रदेश अध्यक्ष समाजवादी व्यापार सभा प्रदीप जायसवाल, पूर्व मेयर प्रत्याशी डॉक्टर ओपी सिंह, जिला प्रवक्ता संतोष यादव बबलू एडवोकेट, लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीपचंद गुप्ता, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य संजय मिश्रा व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य दिलशाद अहमद डिल्लू शामिल थे।
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