वाराणसी में मंगलवार की भोर सारनाथ पुलिस ने शातिर अपराधी अजय उर्फ विजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया। इसको हथियार के साथ देर रात चेकिंग के दौरान पकड़ा गया। इसके खिलाफ पुलिस रिकार्ड में हत्या समेत 25 केस दर्ज हैं, वहीं कई मामलों में इसकी संलिप्तता पाई गई थी। 2 मई को 2022 को लखनऊ में प्रापर्टी डीलर और टीटीई विजयशंकर सिंह को शराब पीने के दौरान हुए विवाद में गोली मार दी गई थी। विजय शंकर ने अजय सिंह सहित 6 से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इसके पूर्व 13 सितंबर 2007 में वाराणसी के पांडेयपुर में सरकारी चिकित्सक डॉ. डीपी सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इसमें भी अजय सिंह आरोपी बनाया गया। इसके बाद 2012 में गाजीपुर के सैदपुर में सराफा कारोबारी भाईयों को गोली मारकर लाखों की लूट को अंजाम दिया था। अप्रैल 2013 में अजय को वाराणसी की कैंट पुलिस ने 9 एमएम की पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया लेकिन कुछ माह बाद ही अजय जमानत पर छूट गया था। सितंबर 2022 में इसने चंदौली की अदालत में गैंगस्टर के पुराने मामले सरेंडर किया था उस समय यह 1 लाख का इनामी था उसके बाद यह वाराणसी जिला कारागार में बन्द था। पुलिस को इसके जेल से छूटने की जानकारी तो नहीं मिल सकी लेकिन चेकिंग में आज फिर वाराणसी पुलिस के हाथ लग गया। सारनाथ थाना प्रभारी पंकज त्रिपाठी ने थाने पर उससे पूछताछ की तो पूरा मामला खुल गया। वह लंबे समय से सारनाथ में किसी के लिए रेकी कर रहा था और बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था। हालांकि कुख्यात अपराधी विजय सिंह उर्फ अजय को असलहे के साथ गिरफ्तार कर लिया। आज उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। हत्या के कई मामलों के साथ ही इसके ऊपर 25 से अधिक मुकदमे दर्ज है।
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